उत्तराखण्डतत्काल प्रभाव

जोशीमठ में कभी भी गिर सकता हैं जर्जर मकान: धंस रही हैं जमीन, फिर भी उसमें रहने को मजबूर 70 साल की महिला:

मंजू देवी के मुताबिक उनकी शिकायत पर घर का निरीक्षण करने पहुंची प्रशासन की टीम ने उनके घर के अन्य दो कमरों को सुरक्षित बताते हुए कहा कि वे वहीं रह सकती हैं।

जोशीमठ में पड़ रही दरारों का दंश झेल रही मंजू देवी की कहानी रूह कपा देने वाली है। जोशीमठ के गांधी नगर वार्ड में रहने वाली 70 वर्षीय मंजू देवी अपनी आपबीती सुनाते हुए भावुक हो गई।

मंजू देवी ने कहा कि उनके चार कमरों के मकान में दरार पड़ी हुई है। एक महीने का समय गुजर गया है और वह आज भी अपने दो छोटे नीतियों और बहू के साथ उन दरारों के जाल के बीच रह रही हैं।

मंजू बताती हैं कि जनवरी माह में हुई बर्फबारी के बाद उनका मकान पूरी तरह से जर्जर हो गया था। मकान की दीवारों पर मोटी मोटी दरारे पड़ गई थी और फर्श फट गया था। वह प्रशासन से गुहार लगा रही थी कि उनको रहने के लिए कोई अन्यत्र ठिकाना दे दिया जाए। क्योंकि उनका घर रहने लायक नहीं बचा है।

मंजू देवी के मुताबिक उनकी शिकायत पर घर का निरीक्षण करने पहुंची प्रशासन की टीम ने उनके घर के अन्य दो कमरों को सुरक्षित बताते हुए कहा कि वे वहीं रह सकती हैं।

पर मंजू देवी का कहना है कि उनके जर्जर आशियाने के नीचे की जमीन खिसक रही है।

उन्होंने बताया कि मकान के ऊपर बनी बिल्डिंग कभी भी टूट कर उनके मकान पर गिर सकती है क्योंकि उस बहुमंजिला इमारत की स्थिति भी ठीक नहीं है।

15 दिनों से दफ्तर के चक्कर काट रहीं 70 वर्षीय मंजू:

मंजू देवी बताती हैं उन्होंने सुना था कि जिनके भवनों में दरारें पड़ी है उन लोगों को सरकार द्वारा डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

उस आर्थिक सहायता के लिए उनको कुछ कागजात तहसील दफ्तर में जमा करने होंगे जिसके बाद उन तक वह आर्थिक मदद पहुंच जाएगी।

जिसके बाद पिछले 15 दिनों से मंजू देवी अपने कागजों का गट्ठर लेकर तहसील कार्यालय के चक्कर काट रही हैं। पर अभी तक उनको आर्थिक सहायता भी मुहैया नहीं हो सकी है।

चारों तरफ से हाथ लगी हताशा और निराशा के बाद अपनी आपबीती सुनाते हुए मंजू देवी बोल पड़ी कि अब उनको सिर्फ भगवान पर भरोसा है और ईश्वर को अगर यही मंजूर है, कि वह अपने इस ही टूटे-फूटे मकान में रह कर मर जाए तो उनको यह मंजूर है।

इलाकों में नहीं रुक रहा दरारों का आना:

दूसरी ओर जोशीमठ के कई इलाकों में दरारों का आना नहीं थम रहा है। नगर के वार्ड गांधीनगर, मनोहरबाग, सिंहधार के साथ कई अन्य जगहों पर प्रतिदिन दरारे चौड़ी हो रही है।

मनोहर बाग के खेतों में पड़ी दरारों पर प्रशासन द्वारा कई बार पन्नी बिछा दी गई है। पर दरारें निरंतर बढ़ रही है यह दरारे 4 से 5 इंच तक चौड़ी और लगभग 6 फीट तक गहरी है।

प्रशासन द्वारा बार-बार इन दरारों को ढकने के लिए इन पर मिट्टी और पनिया बिछाई जा रही है पर दरारें रुकने का नाम नहीं ले रही है। सिंहधार के आवासीय भवनों पर पड़ी दरारों में निरंतर वृद्धि हो रही है।

मकान की दीवारों पर पड़ी दरारों के साथ आंगन में पड़ी दरारें भी चौड़ी हो रही है।

Related Articles

Back to top button