देहरादून : किसी ने ठीक ही कहा है..”जब भी किसी “स्वघोषित” बड़े नाम वाले व्यक्ति पर “पुलिस के रूप में शनि की दशा” आती है तो वो बिन पानी मछली की तरह बचने के लिए अपना हर दांव आजमाता है।
इसका ताज़ा उदाहरण उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हाल में हुए एक आत्महत्या और उसके बाद हुई पुलिस कार्यवाही के परिपेक्ष में ठीक सामने आया हैं।
बीते 24 मई 2024 को देहरादून के नामी बिल्डर सत्येंद्र सिंह साहनी उर्फ बाबा ने आठवीं मंज़िल से कूदकर आत्महत्या कर ली और अपने सुसाइड नोट में गुप्ता बंधुओं में से एक अजय गुप्ता और उनके बहनोई अनिल गुप्ता द्वारा की गई मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना को अपनी मौतनाक कारण बताया।
उधर सुसाइट नोट के आधार पर प्रारंभिक पूछताछ के उपरांत पुलिस ने तत्काल कार्रवाई कर आरोपी अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। ]
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इधर दिन बाद सोमवार को जब उनकी जमानत कोर्ट द्वारा निरस्त कर दी गई तो “स्वनामधन्य” गुप्ता बंधु इतने अधिक परेशान हो गए कि सूत्रों के अनुसार उन्होंने उत्तराखंड पुलिस पर ही एक तरफा पक्षपात पूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगा दिया और केस को CBI को देने की गुहार करने लगे।
सीबीआई जांच के जवाब में डीजीपी उत्तराखंड ने भी कहा कि पुलिस निष्पक्ष व पारदर्शी जांच के लिये कटिबद्ध हैं, इसके बावजूद अगर सीबीआई जांच चाहिए तो हमें एतराज नहीं।
दोनों पक्षों में से कोई भी लिखकर दे, उसे शासन में भेज दिया जाएगा, शासन की इसमें मंजूरी होगी तो ये भी हो जाएगा।
बहराल अब देखना ये हैं कि गुप्ता बंधुओं की इस सीबीआई मांग का शासन क्या जवाब आता है।
इस घटनाक्रम को देखकर ये जरूर कहा जा सकता है कि मामला बेहद गर्म हैं, इसलिए इसमें अभी और “गरम मसाला” डालने की गुंजाइश नजर आती है।