उत्तराखण्ड
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"डेंगू के मच्छरों की जानलेवा चुनौती बन गई उत्तराखंड के लिए"

"Increasing risk of dengue cases in Uttarakhand, mosquitoes still active"

सब से अधिक प्रभावित जनपद – देहरादून

डेंगू से बचाव के लिए उठाए जा रहे कदम

डेंगू के अलावा भी कई चुनौतियां बरकरार

उत्तराखंड में डेंगू फैलाने वाले मच्छर का डंक कमजोर होने का नाम नहीं ले रहा है। मैदान से लेकर पहाड़ तक डेंगू के एकाध नहीं बल्कि अनेक मामले मिल रहे हैं।
बीते सोमवार को देहरादून सहित पांच जिलों में डेंगू के 75 नए मामले मिले।
पौड़ी में सबसे अधिक 34 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। प्रदेश में अभी तक डेंगू के 1663 मामले मिल चुके हैं।
डेंगू के मच्छरों की जानलेवा चुनौती बन गई है उत्तराखंड के लिए।
देहरादून जनपद में सबसे अधिक प्रभावित होने के साथ ही, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी, ऊधमसिंह नगर, चमोली, और चंपावत जिलों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, डेंगू के मच्छरों का डंक इस मौसम में खतरनाक हो सकता है। विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने पर मच्छरों की सक्रियता बढ़ सकती है, जिससे डेंगू के फैलाव का खतरा बढ़ जाता है।
इससे साफ है कि डेंगू के साथ लड़ाई में अब भी चुनौतियां बरकरार हैं।
डेंगू के रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं।
डेंगू मच्छरों के लार्वानाशक का छिड़काव किया जा रहा है और विभागीय टीमें लोगों को डेंगू से बचाव के लिए जागरूक कर रही हैं।
स्वच्छता के प्रति लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है।
लेकिन डेंगू के मच्छरों की वजह से हालांकि कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन यह चुनौती अब भी बरकरार है।
डेंगू के मच्छरों के बढ़ते मामलों के बावजूद, लोगों को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बर्फीली जगहों पर जाने से पहले उन्हें डेंगू के मच्छरों से बचने के उपायों का पालन करना चाहिए।
साथ ही, अपने घरों को स्वच्छ और डेंगू के मच्छरों के लार्वा से मुक्त रखने के लिए सजग रहना आवश्यक है।
डेंगू के मच्छरों के खिलाफ लड़ाई आज भी जारी है, और लोगों की जिम्मेदारी है कि वे सावधानी बरतें और इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए सारी आवश्यक कदम उठाएं।

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