उत्तराखंड: देवप्रयाग विधानसभा के कीर्तिनगर बडियारगढ़ क्षेत्र में इन दिनों बाहरी लोगों के कार्य करने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाये जाने की मांग चल रही है।
दरअसल बीते कुछ दिन पूर्व क्षेत्र में समुदाय विशेष के युवक द्वारा स्थानीय युवती के साथ दुराचार की घटना प्रकाश में आई थी।
जिसके बाद से ही बडियारगढ़ क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश बना हुआ है।
विरोध स्वरूप यहां महापंचायत आहूत की गयी. जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।
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महापंचातय ने इस क्षेत्र में बाहरी लोगों के आने पर सशर्त प्रतिबंध लगा है।
अब क्षेत्र में वही लोग दाखिल हो पायेंगे. जिन्हें ग्राम प्रधान अनुमति देगा , वहीं अब इन लोगों को गांव में ठहरने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
इस संबंध में यहां जन प्रतिनिधियों द्वारा बैठके भी की जा रही है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बाहरी लोगों की दस्तक खासतौर पर विशेष समुदाय के लोगों के आने से यहां के ग्रामीण असहज महसूस कर रहे हैं।
बडियारगढ़ क्षेत्र के लोगों ने सामुहिक रूप से यह फैसला लिया है कि यहां अब विशेष समुदाय के व्यक्ति को न तो रोजगार करने दिया जायेगा. न ही किसी तरह के निर्माण कार्य के लिए कांट्रेक्ट दिया जायेगा. वहीं अन्य मजदूरों को सशर्त प्रतिबंध लगाया गया है।
जिनमें बाहरी व्यक्तियो की संलिप्तता रहती थी. हाल में नाबालिग के साथ हुई प्रकरण के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
यहां कार्य कर रहे अधिकतर बाहरी मजदूर व दुकानदार पलायन कर चुके हैं, पहले स्थानीय लोगों को स्किल करनी होगी विकसित
व्यवसाई सुरेंद्र सिंह का कहना है कि बाहरी मजदूरों के काम करने पर तो प्रतिबंध लगा दिया गया, लेकिन स्थानीय लोगों में भवन निर्माण या अन्य तरह की वह कौशल नहीं है कि जिसे बाहरी मजदूरों के विकल्प में प्रयोग में लाया जा सके।
इसके लिए स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार की राह अपनाने के साथ निर्माण कार्यों में भी अपना कौशल विकाशित करने की आवश्यकता है. तभी पूर्णतः बाहरी मजदूरों पर प्रतिबंध लग सकता है।
क्षेत्र में दुराचार की घटना सामने आने के बाद बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों ने पलायन कर दिया है।
जिससे कई लोगों के निर्माण कार्य अधर में लटक गये है. कुछ लोगों के तो निर्माण कार्य के लिए बिहारी मजदूरों को एडवांस में रुपये भी दिये थे।
जिला पंचायत सदस्य अमित मेवाड ने कहा कि जो मजदूर लोगों के एडवांस रुपये लेकर भागे है उन लोगों की रकम को वापस लौटाने के लिए प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की जायेगी, साथ ही यहां चौकी खोलने को लेकर भी प्रशाशन को पत्र लिखा गया है।
तेगढ़ बाजार में रहने वाले बाहरी लोगों की दुकानों पर ताले लटके हुए हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि बाजार में रहने वाले करीब 50 से लेकर 80 लोग यहां से छोड़ कर चले गये हैं।
जबकि बाजार में पांच दुकानें भी घटना के बाद से बंद पड़ी हुई हैं. जिनमें नाई व मांस आदि की दुकाने हैं।
जयेष्ठ प्रमुख विपिन कंडारी ने बताया कि क्षेत्र में लंबे समय से चोरी, बहन बेटियों के साथ छेड़खानी की घटना सामने आ रही थी।