धारी देवी मंदिर पर फिर मंडरा रहा खतरा :- उत्तराखंड में एक बार फिर आसमान से आफत बरस रही है, रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी जैसे जिलों में मूसलधार बारिश और बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन इस बार जो सबसे ज्यादा डराने वाला है, वो है धारी देवी मंदिर की हालत, अलकनंदा नदी का उफान इतना ज्यादा है कि मंदिर के पिलर तक डूब चुके हैं, क्या इतिहास खुद को दोहरा रहा है, आइए जानते हैं पूरा हाल, बादल फटने से मची तबाही, सुबह सुबह रुद्रप्रयाग के बसुकेदार इलाके में बादल फटने से कई घरों और रास्तों को नुकसान हुआ ।
बड़ी अपडेट एक क्लिक में :- उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर | ऑरेंज अलर्ट जारी
भारी बारिश के चलते अलकनंदा नदी अपने रौद्र रूप में आ गई है, टिहरी और चमोली में भी लैंडस्लाइड की खबरें हैं, जिससे आम जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है, और सबसे गंभीर हालत देखने को मिल रही है श्रीनगर के पास, जहां नदी हाईवे तक पहुंच गई, धारी देवी मंदिर की हालत, धारी देवी मंदिर जिसे उत्तराखंड की चारधाम यात्रा की रक्षक माना जाता है, आज पानी से घिर चुका है, मंदिर के पिलर पूरी तरह डूब चुके हैं और नदी का पानी मंदिर की दीवारों को छू रहा है।
मंदिर के आसपास की दुकानें, घाट और रिहायशी इलाके जलमग्न हो चुके हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो दो हज़ार तेरह की केदारनाथ त्रासदी की याद दिला रहे हैं, प्रशासन की तैयारी, हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
बड़ी अपडेट एक क्लिक में :- Vaishno Devi Landslide: भारी बारिश से तबाही, 33 की मौत – बचाव अभियान जारी
नदी किनारे रहने वालों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है, कंट्रोल रूम सक्रिय है, S D R F और पुलिस की टीमें मौके पर हैं, हालांकि अभी तक किसी बडी जनहानि की खबर नहीं है, लेकिन खतरा टला नहीं है, धारी देवी की मान्यता, धारी देवी को उत्तराखंड की जागृत देवी माना जाता है, मान्यता है कि उनकी मूर्ति दिन में तीन बार स्वरूप बदलती है।
2013 में जब मंदिर को स्थानांतरित किया गया था, तभी भी केदारनाथ में भयानक आपदा आई थी, तब से भक्तों की आस्था और भय, दोनों ही बढ़े हैं, और आज जब अलकनंदा फिर से उफान पर है, लोग चिंतित हैं कि कहीं इतिहास फिर न दोहराए, फिलहाल सबसे ज़रूरी है सतर्कता और सुरक्षित रहना, अगर आप उत्तराखंड में हैं या यात्रा की योजना बना रहे हैं।

