इसी दौरान उन्होने ऋषभ पंत का हालचाल जाना, और बता दे की पिछले तीन दिन से ऋषभ पंत विधायक उमेश कुमार से लगातार इन बच्चों को ढूँढने के लिए कह रहे थे।
पंत ने बताया की हरियाणा रोडवेज बस वालों ने नहीं सबसे पहले इन दो बच्चों ने उनकी मदद की थी।
इस दुर्घटना के बारे में रजत और निशु ने बताया की गाड़ी में आग लगी हुई थी, और ऋषभ पंत बाहर पड़े हुए थे।
पंत की पीठ छिली हुई थी, और सबसे पहले उन्होने पंत को देखा था।
- Advertisement -
पंत की कार एक्सीडेंट के कारण उनकी हालत बहुत गंभीर थी।
बस कंडक्टर सुशील जी ने 108 नंबर पर एवं पुलिस को कॉल की थी, उन टाइम हम नहीं जानते थे, कि वो कोन हैं।
कंबल, दुपट्टा जो भी था, हमने डाला और उसके बाद एंबुलेंस आई।
एंबुलेंस में बैठाकर रुड़की के सबसे नजदीकी हॉस्पिटल ले गए।
हमने उन्हें भर्ती कराया और नगदी में हमें चार हजार रुपये मिले थे।
उन्होने क्रिकेटर पंत के चार हजार रुपये प्रशासन को सौंपे और जो हादसे के दौरान खो गए थे।
क्रिकेटर ऋषभ पंत का 30 दिसंबर को एक्सीडेंट हो गया था, और पंत दिल्ली से अपने घर रुड़की जा रहे थे।
सुबह 5 बजे के आसपास ये एक्सीडेंट कि वजह से ऋषभ पंत कि कलाई और कमर, घुटने, और सिर पर चोट आई थी ।