मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून स्थित सचिवालय, आपदा कन्ट्रोल, पहुंचकर प्रदेश भर में चल रही बारिश की स्थिति के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली।
सीएम ने गौरीकुंड में हुए हादसे में संबंधित अधिकारियों से भी जानकारी ली और राहत बचाव कार्य के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए शासन स्तर से गौरीकुंड क्षेत्र में मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।
सीएम धामी ने प्रदेश की प्रमुख नदियों के जलस्तर की जानकारी ली और उन्होंने बढ़ते जलस्तर से प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी करने का निर्देश दिया और सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए कहा।
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उन्होंने भूस्खलन के प्रभावित इलाकों के आसपास बनी इमारतों और कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए।
गौरीकुंड में हुए हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमें मौके पर मौजूद हैं।
बारिश के कारण मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ गया है और आपदा के प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है।
पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के उत्तरी जिलों की नदियों के जलस्तर की निगरानी के लिए स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए और राज्य के सभी जनपदों में बारिश के प्रभाव के लिए तैयार रहने का आदेश दिया।
रुद्रप्रयाग में केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में भारी बारिश होने से हादसे की स्थिति मच गई है।
राज्य के रेस्क्यू टीमें तत्पर हैं और हादसे के समय वहां मौजूद लोगों को खोजने में जुटे हैं। यहां तक कि नेपाली और स्थानीय लोग भी लापता हो गए हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक रुद्रप्रयाग में आज दिनभर भारी बारिश की संभावना है और 6 अगस्त को भीषण बारिश की उम्मीद है।
राज्य सरकार ने अधिकारियों को तत्पर किया है और राज्य भर में बारिश के प्रभाव के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।
यह हादसा उत्तराखंड के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है और सरकार रेस्क्यू ऑपरेशन को जारी रखने के लिए अपने विभागों के साथ मिलकर काम कर रही है।
भारतीय राज्य उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में यात्रियों के श्रद्धालु आवगमन का मुख्य पड़ाव केदारनाथ धाम के पास स्थित गौरीकुंड में हुआ भारी बारिश से विपदा की घटना घट गई।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार सचिव आपदा रंजीत सिन्हा और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
हिमालय के इस पवित्र स्थान पर भगवान केदारनाथ की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए गौरीकुंड एक महत्वपूर्ण स्थान है।
इस धार्मिक यात्रा के समय गौरीकुंड में बारिश के बादल आईना हो जाते हैं।
लेकिन इस बार जब बारिश शुरू हुई तो उसका प्रकोप इतना भयानक था कि वहां के व्यापारी ध्वंस हो गए और दुकानें ढह गईं।
इस आपदा के वक्त कुछ लोग भी दुकानों में सो रहे थे, जो बाद में भारी बारिश से दब गए।
गौरीकुंड के सेक्टर अधिकारी ने बताया कि कई लोग मलबे में दब गए हैं, और इससे करीब 13 लोग लापता हो गए हैं। इनमें नेपाली और स्थानीय लोग भी शामिल हैं।
इस विपदा के समय आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन का संभावनाओं का सामना करना पड़ा।
हालांकि, बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में दिक्कतें आ रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक रुद्रप्रयाग में आज दिनभर भारी बारिश का अनुमान जताया गया है और आने वाले दिनों में भी भारी वर्षा की संभावना है।
सरकार और स्थानीय प्रशासन को जल्द से जल्द उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हुई इस घातक आपदा का सामना करने के लिए उचित एवं तत्परता से सहायता पहुंचाने की आवश्यकता है।
राज्य सरकार को लोगों की सुरक्षा और सहायता के लिए उचित सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए और सभी आपदा प्रबंधन बलों को आवश्यक तैयारियां करनी चाहिए ताकि वे तत्काल रेस्क्यू और प्राथमिक सहायता प्रदान कर सकें।
आपदा के समय जनता को भी सतर्क रहने और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने की जरूरत है।
अपनी सुरक्षा के लिए लोगों को बारिश के कारण होने वाले बाढ़ और जल-जमाव की संभावना से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
सरकार द्वारा जारी किए गए विशेष ध्यान और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने से भी दुर्घटनाएं रोकी जा सकती हैं।
इस आपदा के दौरान हम सभी को एकजुट रहकर एक-दूसरे की मदद करने की आवश्यकता है।
राज्य सरकार, गैर-सरकारी संगठन, और स्थानीय निवासियों को साथ मिलकर एक टीम बनाना चाहिए जो इस आपदा से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास कर सके।
इस आपदा के वक्त हमें अपने धार्मिक भावनाओं के साथ स्वयं को भी सुरक्षित रखने की जरूरत है।
यात्रियों को समय पर अपने घरों को लौटने के लिए रास्ते में ठहरने और धर्मिक स्थलों को संदर्भित सुरक्षित बनाने की सलाह दी जाती है।
अधिकतर आपदा आकस्मिक होती हैं और हमें उनसे जूझने की तैयारी करनी चाहिए।
समय से पहले संबंधित अधिकारियों और आपदा प्रबंधन बलों के साथ अपने प्रशासनिक संरचना को मजबूत बनाने के लिए जानकारी को सभी स्तरों तक पहुंचाने की जरूरत है।
आपदा के समय एक-दूसरे के साथ भाईचारे को बढ़ावा देना हमारे समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हमें एक-दूसरे के दुखदायक परिस्थितियों के सामना करने में सहायता करनी चाहिए और उन्हें आराम और सामर्थ्य प्रदान करने के लिए तत्परता से काम करना चाहिए।
आपदा के बारे में जागरूक रहकर और सरकारी निर्देशों का पालन करके हम सभी इस आपदा से बच सकते हैं और एक सुरक्षित और सुखी जीवन जी सकते हैं।
अपने परिवार और समाज के लिए सतर्क रहने से उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की जनता को साहस और आत्मविश्वास मिलेगा कि वे अपने समस्याओं का समाधान कर सके।