Choti Diwali 2023 : देश भर में धनतेरस के साथ ही दिवाली की शुरुआत हो चुकी है। धनतेरस के शुभ मौके पर बाजारों में जनता ने जमकर खरीददारी की है और साथ ही मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा कर शुभ आशीष मांगा है।
वहीं अब धनतेरस के अगले ही दिन धन त्रयोदशी के मौके पर छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी, काली चौदस और हनुमान जी की पूजा अर्चना की जाएगी।
कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को प्रदोष काल में छोटी दिवाली मनाई जाती है। प्रदोष काल के मुहूर्त में यम का दीपक भी जलाया जाता है।
रात के समय भक्त मां काली और हनुमान पूजा भी करते है। इस दिन ही नरक चतुर्दशी भी मनाई जाती है। इस दिन को ही छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी या काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है।
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इस दौरान यम दीपक जलाने का विशेष महत्व है। इस वर्ष चतुर्थी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर शनिवार दोपहर 1.57 मिनट से होगी जो 12 नवंबर दोपहर 2.44 बजे तक जारी रहने वाली है।
वहीं प्रदोष काल की बात करें तो छोटी दिवाली के लिए प्रदोष काल का समापन 11 नवंबर को होगा। ऐसे में प्रदोष काल के खत्म होने की सूरत में 11 नवंबर को ही छोटी दिवाली भी मनाई जाएगी।
इस बार बनेंगे शुभ योग छोटी दिवाली के मौके पर खास योग भी बन रहे है। इस दिन सुबह प्रीति योग है जो शाम 4.59 बजे तक जारी रहेगा।
इसके बाद आयुष्मान योग होगा, जो शाम 4.25 तक रहने वाला है। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग की शुरुआत देर रात 1.47 मिनट से होगी जो 6.52 बजे तक जारी रहेगा।
नरक चतुर्दशी पर इस समय जलाएं दीपक नरक चतुर्दशी के मौके पर दीपक जलाने का भी विशेष महत्व बताया गया है।
इस दौरान प्रदोष काल की शुरुआत सूर्यास्त 05:32 बजे से होगी। इस दौरान ही यम दीपक जलाया जा सकता है।
बता दें कि यमराज के लिए यम दीपक जलाने के लिए चौमुखी दीपक का उपयोग होता है। ये दीपक को घर में दक्षिण दिशा में जलाया जाता है।
इसके अलावा इसे नाली के पास, घर के मुख्य द्वार या दक्षिण दिशा के पास रख सकते है। माना जाता है कि यम दीपक को शुभ मुहूर्त पर जलाने से यमराज प्रसन्न होते है।
ऐसे परिवार पर कभी अकाल मृत्यु का साया नहीं होता है। यम दीपक से अकाल मृत्यु का संकट टल जाता है।
वही नरक चतुर्दशी के दिन स्नान का भी विशेष महत्व है। इस दिन सुबह 05 बजकर 39 मिनट से सुबह 06 बजकर 52 मिनट तक ही स्नान का समय है।
इस समय में स्नान करने से यमराज रूप सौंदर्य देते है।