चिकन खाने से कैंसर का खतरा : चिकन खाने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाइए. आपका फेवरेट चिकन कैंसर का कारण बन सकता है. कुछ साल पहले ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक स्टडी में पाया गया कि चिकन खाने वालों में कैंसर का खतरा रहता है. इतना ही नहीं इससे कई अन्य खतरनाक बीमारियों का भी डर बना रहता है. WHO भी इसे लेकर सावधान कर चुका है।
कुछ समय पहले ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक स्टडी की गई. जिसमें 37 से 73 साल की उम्र वाले 475,488 ब्रिटिश लोगों के मांस खाने पर 5 साल से ज्यादा समय तक नजर रखी गई. इस स्टडी में पाया गया कि इन सभी में से 23,000 लोगों में अलग-अलग तरह के कैंसर पाया गया. जिन्होंने ज्यादा मात्रा में चिकन खाया, उनमें कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा पाया गया।
एक्सपर्ट्स का क्या कहना है
2018 में ऑस्ट्रेलियाई चिकन मीट फेडरेशन ने एक आंकड़ा जारी किया, जिसमें बताया गया कि ऑस्ट्रेलिया में चिकन खाने वाला साल भर में 47.7 किलो चिकन खा जाता है. जिसके बाद सिडनी के डॉक्टर पेनी एडम्स ने ऑक्सफोर्ड की स्टडी का खंडन करते हुए कहा कि हो सकता है कि चिकन खाने के बाद इंसान शराब, सिगरेट जैसी चीजें ज्यादा लेता हो, जो कैंसर या मौत का कारण बनती हो।
चिकन में कैंसर वाला तत्व
हालांकि, चिकन खाने वालों और कैंसर जैसी बीमारियों का संबंध है. खासतौर पर खतरनाक मेलेनोमा, नॉन-हॉजकिन लिंफोमा और प्रोस्टेट कैंसर का. उन्होंने बताया कि हेल्दी लाइफस्टाइल और बेहतर डाइट से कैंसर का रिस्क कम किया जा सकता है.कुछ साल पहले अमेरिका के Food and Drug Administration ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि चिकन में कैंसर के लिए जिम्मेदार कॉम्पोनेंट आर्सेनिक होता है. इससे पहले भी कई रिपोर्ट्स में इसे कंफर्म किया जा चुका है. दरअसल, आर्सेनिक एक फोटो सेंसिटिव मॉलिक्यूल है जो शरीर के अंदर कैंसर सेल्स को पैदा कर देता है।