भारत के मिशन ‘चंद्रयान-3’ ने अपनी तरफ ध्यान खींचा है, लेकिन अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी चंद्रयान-3 के मिशन से चंद्रमा की सतह पर एक रहस्यमय रोशनी का खुलासा किया है।
नासा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर यह तस्वीर साझा की है, जिसमें चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम के धुएं से निकली अजीबोगरीब रोशनी दिख रही है।
नासा के एलआरओ यानी ‘लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर’ ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट की तस्वीर लिया है और इस तस्वीर में चंद्रमा के धुएं से निकली अजीबोगरीब रोशनी भी स्पष्ट दिखाई दी है।
इसके अलावा, नासा ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट से साउथ पोल की दूरी को भी दर्शाया है।
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तस्वीर कैसे ली गई?
नासा का एलआरओ यानी लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर 27 अगस्त को यानी चंद्रयान-3 की लैंडिंग के चार दिन बाद चंद्रमा की कक्षा में घूम रहा था।
उसने चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का तिरछा दृश्य खींचा, जिसमें चंद्रमा के धुएं से निकली रोशनी भी दिखाई दी।
यह तस्वीर नासा के अद्वितीय उपकरणों के माध्यम से ली गई है, जिनमें कैमरे और स्पेक्ट्रोमीटर शामिल हैं।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट की दूरी
नासा ने तस्वीर जारी करते समय बताया कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से लगभग 600 किलोमीटर की दूरी है।
नासा की तस्वीर ने चंद्रयान-3 मिशन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों की सराहना की है और यह दिखाती है कि अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत और अमेरिका के बीच साथीपन का दौर जारी है।