केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श में राज्यों से कहा गया है कि पर्याप्त संख्या में आरटीपीसीआर टेस्ट होने चाहिए और पॉजिटिव मामलों की जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए उन्हें भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) प्रयोगशाला में भेजना चाहिए।
केंद्र सरकार ने हाल ही में कोविड 19 संक्रमण में हुई वृद्धि और इसके एक नए वेरिएंट जेएन1 का देश में एक मामला आने पर राज्यों को परामर्श जारी किया है।
राज्यों से अपने यहां कोविड 19 की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और नियमित तौर पर जिला स्तर की स्थिति को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
पॉजिटिव मामलों की जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए कहा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श में राज्यों से कहा गया है कि पर्याप्त संख्या में आरटीपीसीआर टेस्ट होने चाहिए और पॉजिटिव मामलों की जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए उन्हें भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) प्रयोगशाला में भेजना चाहिए।
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भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम प्रयोगशाला भेजे जाएंगे सेम्पल बताना चाहेंगे, भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) 10 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 25 दिसंबर 2020 को गठित किया था।
आईएनएसएसीओजी तभी से कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग और कोविड-19 वायरस का विश्लेषण कर रहा है और इस प्रकार पाए जाने वाले वायरस के नए वैरिएंट और महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगा रहा है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में लिखा पत्र केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में पत्र लिखा है।
अपने पत्र में उन्होंने इस बात को रेखांकित किया है कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच लगातार सहयोग के चलते कोविड 19 के प्रसार की दर लगातार कम बनी हुई है।
लेकिन कोविड 19 वायरस का प्रसार जारी है और इसका व्यवहार, भारतीय मौसम की स्थिति और अन्य सामान्य रोगों के प्रसार के चलते सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए चुनौती बना हुआ है। इससे प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गति बनाए रखना बहुत जरूरी है।