प्रवीण बहल। पूर्व सांसद डी.पी. यादव पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपहरण, जालसाजी और जबरन वसूली के आरोप में मामला दर्ज किया है। यह नया मामला उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा यादव को हत्या के एक मामले में बरी किए जाने के कुछ दिनों बाद आया है।
पुलिस ने कहा कि सीजेएम कोर्ट के निर्देश पर सिविल लाइंस थाने में डी.पी. यादव, ठाकुरद्वारा के पूर्व विधायक विजय यादव और चार अन्य पर मामला दर्ज किया है।
सिविल लाइंस निरीक्षक रवींद्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्राथमिकी दिल्ली रोड निवासी अनिल तोमर ने दर्ज कराई है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि डी.पी. यादव, विजय यादव और चार अन्य लोगों ने सिविल लाइंस इलाके से उसका अपहरण कर लिया और उसे रिहा करने के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग की। उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी।
निरीक्षक ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 364 (फिरौती के लिए अपहरण) और 384 (जबरन वसूली) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने डी.पी. यादव को गाजियाबाद के विधायक महेंद्र सिंह भाटी की हत्या के मामले में पिछले बुधवार को देहरादून की सीबीआई कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए उन्हें रिहा कर दिया था। उच्च न्यायालय ने यादव के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं पाया और उनकी रिहाई का आदेश दिया।
इस मामले में उन्हें पहले अंतरिम जमानत मिली थी।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में सितंबर 1992 में, दादरी रेलवे क्रॉसिंग पर भाटी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।