उत्तरप्रदेश : लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है. हर कोई ये जानना चाहता है कि बसपा सुप्रीमो मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल होंगी या नहीं. खबरों की माने तो अखिलेश यादव ने बसपा को गठबंधन में लाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है।
यही नहीं अगर बसपा आती है तो इसके लिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला भी तैयार कर लिया गया है. अब बस मायावती की हां का इंतजार है।
बसपा सुप्रीमो मायावती यूपी की ताकतवर नेता है. भले ही विधानसभा में पार्टी का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा हो, लेकिन वोटबैंक के लिहाज़ से देखा जाए तो बसपा सुप्रीमो बड़ी नेता है।
इसलिए इंडिया गठबंधन चाहे सपा हो या कांग्रेस उन्हें अपने साथ लाने चाहते हैं. हालांकि मायावती ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. माना जा रहा है कि वो 15 जनवरी को अपने जन्मदिन के दिन कोई बड़ा एलान कर सकती है।
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सपा ने बसपा को लेकर तैयार किया प्लान
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी बसपा को इंडिया गठबंधन में लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, इसके लिए प्लान भी तैयार कर लिया गया है।
सपा चुनाव में बसपा को 25-30 सीटें दे सकती है. सपा ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, इसके पीछे वो ये दलील दे सकती है कि विधानसभा चुनाव के लिहाज़ से वो अभी भी यूपी की सबसे बड़ी पार्टी है, हालांकि मायावती इस पर राज़ी होंगी ये कहना मुश्किल है।
सीट शेयरिंग का फ़ॉर्मूला तैयार
सूत्रों के मुताबिक सपा 35 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और बसपा को 25-30 सीटें देने को राज़ी हो सकती है. वहीं कांग्रेस 10 और रालोद को 5 सीटों पर लड़ने के लिए कहा जा सकता है।
सपा ने ये आंकड़ा विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए लिया है, हालांकि मायावती 2019 के चुनाव के आधार पर ज़्यादा सीटों की मांग कर सकती हैं क्योंकि तब बसपा ने सपा से दोगुनी सीटें पाई थीं।
गठबंधन में शामिल होंगी मायावती!
कई राजनीतिक जानकार मानते हैं कि सपा और बसपा दोनों बराबर सीटों पर लड़ने का फैसला ले सकते हैं. इसके अलावा एक जौनपुर सीट जेडीयू से धनंजय सिंह, नगीना से चंद्रशेखर आजाद और अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल को कुर्मी वोटरों वाली सीट पर चुनाव लड़ाया जा सकता है।
सपा की लिस्ट में बीस सीटें ऐसी है जिस पर वो हर हाल में चुनाव लड़ना चाहती ह, इसके लिए अभी से मंथन हो रहा है।
बसपा सुप्रीमो मायावती भी समझ गई हैं कि अगर वो अकेले चुनाव लड़ती हैं तो उनका फ़ायदा नहीं है. लेकिन अगर वो फिर से सपा के साथ जाती है तो पार्टी में नई जान फूंकी जा सकती है।
ऐसे में ये माना जा रहा है कि वो गठबंधन के साथ जा सकती है. कांग्रेस और सपा का रुख़ भी इस पर नरम है, देखना होगा कि वो अपने जन्मदिन पर आगे की रणनीति को लेकर क्या फ़ैसला लेतीं हैं।