हिमाचल प्रदेश : एक महिला के मंदिरो में जाने से आपत्ति होती है तो कभी वह एक महिला के चरित्र पर सवाल उठाते हैं ।
हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी व फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने बुधवार को इंडिया समूह और कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए आरोप लगाया कि दोनों ही सांप्रदायिक,घोर जातिवादी व परिवारवादी हैं।
कंगना ने आज लाहौल स्पीति के उदयपुर व अन्य दर्जन भर स्थानों पर चुनाव प्रचार अभियान में भाग लिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 70 सालों तक इन्ही विषयों पर राजनीति की है।
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कांग्रेस ने गरीब, अनुसूचित जाति (एससी)-अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), महिलाओ तथा देश के हर वर्ग को धोखा दिया।
कंगना ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के पास सिर्फ एक ही ‘वोट बैंक’ बचा है। आज ये लोग एक ‘वोट बैंक’ को खुश करने के लिए धर्म के आधार पर आरक्षण छीनकर बांटना चाहते हैं।
अगर आंबेडकर नहीं होते तो आरक्षण विरोधी नेहरू एससी-एसटी को आरक्षण नहीं मिलने देते। नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर इसका विरोध किया था।
नेहरू से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तक इस परिवार के जितने प्रधानमंत्री हुए, सब ने आरक्षण का विरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा विश्व आज भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनते हुऐ देख रहा है भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार तेजी से अपने कदम आगे बढ़ा रही है व फिर एक बार देश की वाग डोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में देने का मन देश ने बना लिया है।
कंगना ने कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह पर हमला बोलते हुए कहा अगर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने विक्रमादित्य को अच्छे संस्कार दिए होते तो वह इस प्रकार से महिलाओं की अस्मिता व महिला विरोध में टिप्पणियां ना कर रहे होते।
कभी उन्हें एक महिला के मंदिरो में जाने से आपत्ति होती है तो कभी वह एक महिला के चरित्र पर सवाल उठाते हैं।
उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह की पहचान फेसबुक के नेता के रूप में है।
मंडी लोकसभा के लिए उनका व उनके परिवार का विजन कहां था जब उनके परिवार के सदस्य खुद मंडी से सांसद रहे।
यही नहीं खुद भी वह पिछले 15 महीनों से मंत्री हैं और वह खुद बताएं कि उन्होंने प्रदेश में क्या कार्य किए।
वह मात्र चुनाव जीतने के बड़ी बड़ी बातें कर सकते हैं जिनका कोई सिर पैर नहीं होता। विक्रमादित्य बताएं अगर वो इतना ही विजन मंडी के लिए रखते हैं तो सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के विरोध में क्यों प्रदेश सरकार के साथ खडे़ रहे।
उन्होंने कहा कि मंडी लोकसभा की देवतुल्य जनता भली भांति से समझती है कि कांग्रेस और इनके नेता किस तरह से महिलाओं की निजता व अस्मिता पर प्रश्न उठाते हैं।