देहरादून : विधानसभा चुनाव की तैयारी में उतरी, सांसदों के लिए प्रवास कार्यक्रम तय।
अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत मैदान में उतर चुकी भाजपा ने विधानसभा की उन 23 सीटों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है, जहां पिछले विधानसभा चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा था।
पार्टी ने इन विधानसभा क्षेत्रों में फिर से सांसदों को मोर्चे पर उतारा है। इस क्रम में सांसदों के लिए इन सीटों में प्रवास के कार्यक्रम निर्धारित कर दिए गए हैं।
इसके अलावा अनुसूचित जाति और जनजाति समाज में पार्टी को अधिक विस्तार देने के दृष्टिगत इसी माह गढ़वाल व कुमाऊं संभागों के सम्मेलन की तिथियां भी तय कर दी गई हैं।
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बड़े अंतर से जीत की तैयारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने रविवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में पार्टी द्वारा नवंबर माह के लिए तय कार्यक्रमों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर भाजपा को हार मिली थी, वहां 60 प्रतिशत से अधिक मतों से जीत के दृष्टिगत दूसरी बार सांसदों के प्रवास कार्यक्रम लगाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक हरिद्वार ग्रामीण, खानपुर व ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र में क्रमश: छह, सात व आठ नवंबर को प्रवास करेंगे।
सांसदों के प्रवास कार्यक्रम तय इसी तरह गढ़वाल सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वाराहाट, बदरीनाथ व अल्मोड़ा में सात, आठ व 16 नवंबर, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल भगवानपुर, मंगलौर, पिरान कलियर व बाजपुर में आठ, नौ, 15 व 16 नवंबर, केंद्रीय राज्यमंत्री व नैनीताल सांसद अजय भट्ट खटीमा, नानकमत्ता, किच्छा व हल्द्वानी में 15, 16 व 17 नवंबर, अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा लोहाघाट, धारचूला व पिथौरागढ़ में छह, सात व आठ नवंबर, राज्यसभा सदस्य डॉ कल्पना सैनी झबरेड़ा, लक्सर व जसपुर में छह, सात व आठ नवंबर, टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह प्रतापनगर, यमुनोत्री व चकराता विधानसभा क्षेत्रों में क्रमश: सात, आठ व 16 नवंबर को प्रवास कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
सम्मेलनों का होगा आयोजन भट्ट ने यह भी जानकारी दी कि 19 नवंबर को देहरादून में गढ़वाल संभाग का अनुसूचित जाति सम्मेलन और 20 नवंबर को जनजाति सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
इसी तरह 21 नवंबर को हल्द्वानी में कुमाऊं संभाग का अनुसूचित जाति सम्मेलन होगा।
इनमें अनुसूचित जाति व जनजाति समाज से संबंधित सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधि, सांसद, विधायक, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, पंचायत प्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी और अनुसूचित जाति व जनजाति प्रकोष्ठों के पदाधिकारी भाग लेंगे।