जोशीमठ में पानी के साथ भारी मात्रा में मिट्टी बह गई है, और अब तक करीब 460 जगह जमीन के अंदर 40 से 50 मीटर तक गहरी दरारें मिली हैं।
ऐसे में जोशीमठ के भू-धंसाव से प्रभावित 30% क्षेत्र कभी भी धंस सकता है।
इसलिए जोशीमठ के इस क्षेत्र में बसे करीब 4000 प्रभावितों को तुरंत विस्थापित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, और दरारों वाले भवनों को जल्द ध्वस्त किया जाएगा।
जोशीमठ का यह खुलासा केंद्रीय जांच एजेंसियों की प्राथमिक रिपोर्ट से हुआ है।
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रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को सौंप दी गई है।
इन सभी सूत्रों के मुताबिक एनडीएमए बुधवार को ही केंद्रीय गृह मंत्रालय में इसका प्रस्तुतिकरण भी दे चुका है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि जांच की अंतिम रिपोर्ट आने के बाद जोशीमठ की तस्वीर और भयावह हो सकती है।