उन्होंने पार्टी से इसके बारे में ‘गलतफहमी पैदा करने’ से परहेज करने को कहा।
भट्ट ने कहा कि कांग्रेस ने इस पर चिंता व्यक्त की है कि यूसीसी के लागू होने के बाद विभिन्न वर्गों को मिले आरक्षण का क्या होगा जो संहिता को मिल रहे।
भारी जन समर्थन के कारण पार्टी की हताशा को दर्शाता है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “यूसीसी का विभिन्न वर्गों को दिए गए आरक्षण से कोई लेना-देना नहीं है।
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कांग्रेस केवल यूसीसी के बारे में लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस को यूसीसी को लेकर अपने सवालों का जवाब विधायी बहस के जरिए ही मिल सकता है।
कांग्रेस को इसे लेकर पहले से ही लोगों में गलतफहमियां पैदा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
कांग्रेस इन चिंताओं को सिर्फ आड़ के तौर पर इस्तेमाल कर रही है ताकि तुष्टीकरण की अपनी नीति को आगे बढ़ा सके।
उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करण महरा ने मंगलवार को यूसीसी के लागू होने के बाद नतीजों को लेकर आशंका व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा था कि पार्टी को यह देखना होगा कि क्या यूसीसी अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अधिकारों और संवैधानिक विशेषाधिकारों की रक्षा करता है या नहीं।