आम तौर पर घरों में पानी को स्टोर करने और पीने के लिए प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग किया जाता है। यही नहीं, लोगों की यह बहुत ही कॉमन सी आदत होती है कि अगर कोल्ड ड्रिंक पिया या कहीं पानी खरीदा तो उसकी खाली हो चुकी बोतल घर ले आए और उसे पीने या स्टोर करने के लिए प्रयोग करने लगे। लेकिन आपको इस बात की जानकारी होनी जरूरी है कि आपकी यह आदत ना केवल पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है, यह आपकी सेहत को भी डायरेक्टली प्रभावित कर रही है।
ये बोतलें कई कैमिकल प्रोसेस के बाद बनती हैं जिनका अपना रिसाइकिल का तरीका होता है। ये टेंपरेचर सेंसेटिव भी होती हैं जिस वजह से इनको अगर पानी पीने या स्टोर करने के लिए प्रयोग किया जाए तो येे आपकेे स्वास्थ को कई तरह से हानि पहुंचा सकतींं हैं।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए हानिकारक
प्लास्टिक की बोतल में अगर लंबे समय से पानी स्टोर किया जा रहा है तो इसमें रखा पानी पूरी तरह टॉक्सिक हो चुका होता हैं जिनका प्रयोग अगर गर्भवती महिलाएं या बच्चे करें तो इनकी सेहत को यह बहुत ही नुकसान पहुंचाते हैं।
पर्यावरण के लिए हानिकारक
ये प्लास्टिक अक्षय होते हैं जिन्हें नष्ट करने के लिए एक खास प्रोसेस में जाना होता है। अगर इन बोतलों का इस्तेमाल कर यहां वहां फेंक दिया जाए तो इनकी रीसाइकिलिंग सही तरीके से नहीं हो पाती है। ऐसे में प्लास्टिक की बोतलें धरती पर प्लास्टिक कूड़ा बढ़ाती हैं जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इसलिए प्लास्टिक का उपयोग करने की बजाय धातु से बनी बोतलों का उपयोग बेहतर है।
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इनवायरमेंटल साइंस एंड टेक्नॉलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च में पाया गया कि रोजाना 8 तरीके के प्लास्टिक का प्रोडक्शन होता है जिसमें तमाम दावों के बावजूद 74 प्रतिशत प्रोडक्ट टॉक्सिक पाए गए । हालांकि लोगों में जागरुकता के अभाव की वजह से इनका धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है।