ट्रेन से सफर करने वाले पैसेंजर्स की अक्सर ये शिकायत रहती है कि ट्रेन के सफर में मिलने वाले और कंबल-चादर साफ नहीं होते हैं. यह सवाल कई लोगों के मन में उठता होगा. लेकिन बिना जानकारी के कई लोग तो हम यह मान भी लेते हैं कि ये चादर-कंबल नियमित रूप से साफ किए जाते हैं, क्या सच में ऐसा होता है? आइए जानते हैं…हम में से लगभग सभी लोगों ने कभी न कभी ट्रेन की यात्रा की होगी. ट्रेन में सफर करते समय हमें इस्तेमाल के लिए मुफ्त में चादर-कंबल दिए जाते हैं. लेकिन ये चादर-कंबल और तकिए हर कोच के यात्री को नहीं मिलते हैं . ट्रेन में मिलने वाली चादर-कंबल एसी कोचों में यात्रा करने वाले यात्रियों को मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं. आमतौर पर ये थर्ड एसी, सेकंड एसी और फर्स्ट एसी कोचों में यात्रा करने वाले यात्रियों को ही मिलते हैं।
रेलवे की तरफ से इस्तेमाल के लिए मिलते हैं बेड रोल
हालांकि, कुछ विशेष श्रेणी के कोचों में भी ये सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं, जब आप अपनी सीट पर पहुंचते हैं, तो आपको बेडशीट,कंबल, तकिया और तौलिया फ्री दिए जाते हैं. अगर नहीं मिला, तो आप ट्रेन के अटेंडेंट से मांग सकते हैं. कुछ ट्रेनों में आप मामूली शुल्क देकर हर किट के हिसाब से अलग से भी हासिल कर सकते हैं. बता दें कि यात्रा के अंत में, आपको रेलवे की तरफ से मिलने वाले बेड रोल वापस ट्रेन के अटेंडेंट को देना होता है।
ट्रेन में मिलने वाली चादरें और कंबल कितनी बार धोए जाते हैं?
ट्रेन से सफर करने वाले पैसेंजर्स की अक्सर ये शिकायत रहती है कि ट्रेन के सफर में मिलने वाले और कंबल-चादर साफ नहीं होते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन में मिलने वाली चादरें और कंबल कितनी बार धोए जाते हैं? यह सवाल कई लोगों के मन में उठता होगा. लेकिन बिना जानकारी के कई लोग तो हम यह मान भी लेते हैं कि ये चादर-कंबल नियमित रूप से साफ किए जाते हैं, क्या सच में ऐसा होता है? आइए जानते हैं…
दरअसल, भारतीय रेलवे ने एक RTI के जवाब में बताया कि हर ट्रेन जर्नी के बाद चादर, तकिए और तौलिए की सफाई की जाती है. हालांकि, RTI के जवाब से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. जिसके अनुसार, ट्रेन के सफर में इस्तेमाल की गई कंबलों को हर जर्नी के बाद साफ नहीं किया जाता है. रेलवे ने बताया कि आमतौर पर ट्रेन के कंबलों को महीने में केवल एक बार धोया जाता है. अगर ट्रेन में सफर के दौरान कोई कंबल गंदा या गीला हो जाता है या उसमें कोई गंदी बदबू आ रही होती है, तो इसे दोबारा धुला जा सकता है.इसके लिए देशभर में कई सारे लाउंड्री स्टेशन बनाए हैं।
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कंबलों के इस्तेमाल को लेकर बरतें सावधानी
रेलवे की ओर से यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें. ऐसे में अब सफर के दौरान कंबलों के इस्तेमाल को लेकर सावधानी बरतनी होगी. अगर आप अपनी स्वच्छता को लेकर ज्यादा चिंतित हैं, तो आप खासकर लंबी यात्राओं के दौरान अपना खुद का चादर-कंबल ले जा सकते हैं।