इसमें उर्जा विभाग के तहत 2008 में केंद्र सरकार द्वारा लाई गई जल विद्युत नीति को लागू किया गया है।
अब 13 प्रतिशत बिजली जल विद्युत परियोजनाओं से उत्पन्न की जाएगी और 1% अतिरिक्त बिजली से उत्पन्न होने वाले आय का उपयोग जल विद्युत परियोजनाओं से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने में किया जाएगा।
वित्त विभाग में कई अधिकारियों के अधिकारों को बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है। मसूरी क्षेत्र को पूरा एक तहसील बनाने की मंजूरी भी मिली है।
पीडब्ल्यूडी विभाग के तहत नई नियमावली को मंजूरी देने के साथ ही, नई शिक्षा नीति के तहत पहली कक्षा में एडमिशन के लिए वयस्कता दिनांक को 1 अप्रैल पर संशोधन का भी निर्णय लिया गया है।
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लघु सिंचाई विभाग में सेवा नियमावली में बदलाव करते हुए 75 की जगह 85 फ़ीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरने का निर्णय लिया गया है।
पुलिस दूरसंचार विभाग के ढांचे के पुनर्गठन को मंजूरी मिली है और 8700 ग्रेड पे के दो पद भी स्वीकृत किए गए हैं।
कैबिनेट ने 13 पीपीएस पदों को भी मंजूरी दी है। पशुपालन विभाग के तहत वेटरनरी कर्मियों को पहाड़ी क्षेत्रों में सेवा देने के लिए कृत्रिम गर्भाधान पर राशि बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है।
उत्तराखंड में होने वाली राष्ट्रीय खेलों के लिए हाई पावर कमेटी का भी गठन किया गया है।
एमएसएमई विभाग की नई पॉलिसी में भी बदलाव किया गया है और पर्वतीय क्षेत्रों में सब्सिडी को बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है।
विकास के तहत टाटा कम्पनी को आईटीआई संस्थानों में ट्रेनिंग देने के लिए भी सहमति दी गई है।
मॉडल आईटीआई के रूप में विकसित होने वाले आईटीआई संस्थानों के गठन की भी जानकारी मिली है और सरकार के साथ मिलकर टाटा ग्रुप को आईटीआई संस्थानों को चलाने की अनुमति दी गई है।
चौरासी कुटिया स्वर्गाश्रम को फॉरेस्ट विभाग के साथ एचसीपी कंपनी द्वारा विकसित करने का निर्णय भी लिया गया है।
हरिद्वार और ऋषिकेश शहरों में मास्टर प्लान के तहत विकास कार्य किए जाने का भी निर्णय लिया गया है।
6 महीने में डीपीआर बनने की भी योजना है। इसके अलावा सभी धर्मों के लिए विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो गया है।
इस निर्णय का पालन करते हुए, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया है।
इसके साथ ही उत्तराखंड में ड्रोन पॉलिसी को भी मंजूरी दी गई है और उच्च शिक्षा विभाग की छात्रवृत्ति योजना में कुछ संशोधन किए गए हैं।
अब फैकल्टी के अनुसार 10% छात्रों को ही छात्रवृत्ति मिलेगी और उच्च शिक्षा विभाग के तहत प्रधानाचार्य के सीधी भर्ती के पदों को भी मंजूरी मिली है।
इस रूप में, यह उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में लिए गए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सुधार को बढ़ावा देने के लिए किए गए हैं।