पिछली बार चार धाम यात्रा के दौरान काफी संख्या में घोड़े और खतरों की मौत को इस बार विभाग ने काफी गंभीरता से लिया है।
इस साल केदारनाथ धाम तक जाने वाले पैदल रास्ते पर घोड़े-खच्चरों के लिए खास व्यवस्थाएं भी की गई हैं।
इस बार चारधाम यात्रा के दौरान गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक हर एक किलोमीटर पर घोड़ों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था की गई है।
घोड़ों के आराम के लिए करीब 2 हजार की क्षमता का टीन शेड बनाया गया है।
आपको बता दें कि बड़ी संख्या में तीर्थयात्री घोड़े-खच्चरों की सवारी करके बाबा केदार के धाम पहुंचते हैं।
इस दौरान, घोड़े खच्चरों के साथ अमानवीयता न हो।
इसकी निगरानी के लिए पैदल रास्ते पर प्रांतीय रक्षक दल के 25 मेंबर्स को तैनात करने की योजना बनाई गई है।

