संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रोफेसर सदानंद दामोदर सप्रे ने कहा कि भारतीय संस्कृति की गरिमा और सुनहरी संवेदनशीलता पूरी दुनिया को दिखाई देती है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मैती आंदोलन के कल्याण सिंह रावत थे।
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर मैती आंदोलन द्वारा निभाई गई प्रभावी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति, एसके जोशी ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली में प्लास्टिक सर्जरी के उपयोग और कोविड -19 की महामारी के दौरान आयुर्वेद की भूमिका पर चर्चा की।
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अपने अध्यक्षीय भाषण में दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल ने साहित्य में भारतीय दर्शन और विचारों की गहराई और आधुनिक समय में इसकी प्रासंगिकता पर विस्तार से बताया।