मारवाड़ी वार्ड में जेपी कंपनी के आवासीय भवनों पर भी भू-धंसाव का खतरा मंडराने लगा है।
एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने 27 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।
बुधवार को प्रशासन की एक टीम ने प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और लोगों की समस्याएं सुनीं।
शहर में स्थित प्रसिद्ध ज्योतिर्मठ भी भू-धंसाव के प्रभाव में आ गया है।
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भवनों व लक्ष्मीनारायण मंदिर में कई दरारें आ गई हैं, जिससे आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोग परेशान हैं।
ज्योतिर्मठ के ब्रह्मचारी मुकुदानंद ने कहा कि मंदिर, उसके प्रवेश द्वार और परिसर के अन्य हिस्सों में दरारें आ गई हैं।
उन्होंने कहा कि पीठ आदि गुरु शंकराचार्य की पीठ है और इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।
उन्होंने कहा कि लोगों की मदद के लिए जल्द ही ज्योतिर्मठ आपदा सेवालय का कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भूमि धंसने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य सरकार को इस मुद्दे के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि जनहित में सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं पर तत्काल रोक लगाई जाए और मामले के अध्ययन के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम तैनात की जाए।
राज्य सरकार इस गंभीर समस्या पर तत्काल कार्रवाई करे और शहर के आसपास के सभी जलविद्युत परियोजनाओं को बंद कर दिया जाए।