रेशम संघ ने पिछले पांच से सात वर्षों में 1.2 करोड़ रुपये मूल्य के रेशम और रेशम मिश्रित कपड़े बेचे हैं।
फेडरेशन ने चालू वित्त वर्ष के लिए 50 लाख रुपये का बिक्री लक्ष्य रखा था और वह अब तक करीब 45 लाख रुपये की बिक्री कर चुका है।
उन्होंने कहा कि फेडरेशन ने केंद्रीय रेशम बोर्ड की मदद से 149 लाभार्थियों को जैक्वार्ड हथकरघा प्रदान किया है, जिन्हें वर्तमान में रेशम बुनाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस तरह की पहल से पूरे राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा जिससे राज्य में रेशम की बिक्री भी बढ़ेगी।
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संघ अभी भी हथकरघा के माध्यम से रेशमी कपड़े का उत्पादन करता है लेकिन सेलाकुई में पावरलूम की स्थापना से राज्य में उत्पादन कई गुना बढ़ जाएगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
जोशी ने कहा कि पावरलूम की स्थापना प्रदेश के कपड़ा उत्पादन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी।
फेडरेशन ने राज्य रेशम निदेशालय के तकनीकी सहयोग से कोकून उत्पादन को व्यावसायिक रूप से मजबूत करने के लिए राज्य में कोकून उत्पादन को फैशन की ओर ले जाने का भी निर्णय लिया है।
फार्म टू फैशन अवधारणा के पीछे मुख्य उद्देश्य रेशमकीट पालनकर्ताओं को व्यावसायिक रूप से लाभकारी निकायों से जोड़कर राजस्व में वृद्धि करना है।