आखिर पहली नजर में कैसे हो जाता है प्यार? : ऑक्सीटोसिन, जिसे ‘लव हार्मोन’ कहा जाता है, इंसानों में भावनात्मक और सामाजिक संबंध बनाने में अहम भूमिका निभाता है. यह हार्मोन आंखों से किसी को देखकर लगाव बढ़ाने, विश्वास कायम करने और दयालुता उत्पन्न करने में मदद करता है. यह न केवल रिश्तों को मजबूत बनाता है, बल्कि तनाव कम करने और दिमाग को शांत रखने में भी सहायक है. टोक्यो यूनिवर्सिटी के शोध में इसे याददाश्त सुधारने में भी उपयोगी बताया गया है।
कई डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का मानना है कि इंसान जब किसी को देखता है तो शरीर से ऑक्सीटोसिन नाम का एक हार्मोन रिलीज होता है. ये इंसान के दिमाग और शरीर में भावनात्मक और सामाजिक संबंध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसीलिए इसे ‘लव हार्मोन’ और ‘कडल हार्मोन’ भी कहते हैं, क्योंकि जब आप किसी को देखते हैं और अच्छा महसूस करते हैं तो ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज होता है.इसके बाद यह हार्मोन दिमाग में ऐसी सकारात्मक भावनाएं उत्पन्न करता है, जो आपसी लगाव और संबंधों को मजबूत बनाती हैं. ऐसे ही शुरू होती है किसी को देखकर प्रेम की कहानी. अब आगे इस रिपोर्ट में ऑक्सीटोसिन हार्मोन के बारे में और भी कई चीजे जानेंगे।
हार्मोन से बढ़ने लगता है विश्वास
इस हार्मोन के रिलीज होने से ही इंसानों में एक दूसरे के लिए विश्वास होता है. यह हार्मोन लोगों को दयालु और संवेदनशील भी बनाता है, जिससे वे दूसरों की भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं. यह हार्मोन सिर्फ प्रेमिका या प्रेमी के लिए ही नहीं, बल्कि माता-पिता और बच्चों के बीच के रिश्ते, रोमांटिक पार्टनर के संबंध, और दोस्तों के बीच की केमिस्ट्री, में भी एक अहम भूमिका निभाता है.इस हार्मोन के रिलीज होने से ही इंसानों में एक दूसरे के लिए विश्वास होता है. यह हार्मोन दयालु और संवेदनशील भी बनाता है, जिससे इंसान एक दूसरे की भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं. यही कारण है कि कहा जाता है, इंसान प्यार में सुधर जाता है.
कहां से रिलीज होता है ये हार्मोन?
ऑक्सीटोसिन इंसानी दिमाग में हाइपोथैलेमस से रिलीज होते हैं, पिट्यूटरी ग्लैंड के जरिए ये शरीर में फैलते हैं. गले लगाने से, हाथ मिलाने से या किसी से डीप इमोशनल बात करने से भी ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज होते हैं. ये इतने असरदार होते हैं कि तनावपूर्ण स्थितियों में भी ये व्यक्ति को शांत और स्थिर महसूस करा देते हैं. यह दिमाग में खुशी और सुकून की भावना भी पैदा करता है.ये हार्मोन भावनात्मक और सामाजिक जुड़ाव के पीछे की बुनियाद है. इतना ही नहीं हालिया रिसर्च की मानें तो ऑक्सीटोसिन और भी काफी कुछ कर सकता है. ऑक्सीटोसिन ना केवल सीखने और याद रखने में अपनी एक भूमिका निभाता है, बल्कि कई तरह के उपचारों में भी मददगार हो सकता है।
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ऑक्सीटोसिन हार्मोन का प्रभाव ?
इंसानी दिमाग और उसके व्यवहार को समझने के लिए इस हार्मोन पर एक और स्टडी की गई. टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस के रिसर्चर जुनपेई ताकाहाशी और प्रोफेसर अकियोशी साईतोश ने ऑक्सीटोसिन के दिमाग पर प्रभाव का गहन अध्ययन किया. उनके शोध ने न केवल याददाश्त पर ऑक्सीटोसिन के प्रभाव को बताया, बल्कि इसे डिमेंशिया के उपचार में भी काफी उपयोगी बताने का दावा किया.इंसानी दिमाग और उसके व्यवहार को समझने के लिए इस हार्मोन पर एक और स्टडी की गई. टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस के रिसर्चर जुनपेई ताकाहाशी और प्रोफेसर अकियोशी साईतोश ने ऑक्सीटोसिन के दिमाग पर प्रभाव का गहन अध्ययन किया. उनके शोध ने न केवल याददाश्त पर ऑक्सीटोसिन के प्रभाव को बताया, बल्कि इसे डिमेंशिया के उपचार में भी काफी उपयोगी बताने का दावा किया।