आखिर बात हो रही है देहरादून के सबसे व्यस्ततम बाजार पलटन बाजार की, यहां खरीददारी करने वालों में आज से नहीं बल्कि सालों से अधिकतर महिलाएं ही जाती है। आखिर ऐसा क्यू लेकिन इसके बाद भी यहां महिलाओं के लिए एक शौचालय तक नहीं है।
ऐसा नहीं कि यहां शौचालय बनाने की कोशिश न हुई हो।
वर्ष 2007 में पलटन बाजार में मिशन स्कूल के पास डीएम के सुझाव पर 17 दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों की चौड़ाई कम कर जमीन छोड़ दी।
वर्ष 2007 में पूर्व विधायक स्व. हरबंश कपूर ने मिशन स्कूल के पास पानी टंकी आदि की व्यवस्था कर शौचालय का उद्घाटन भी किया।
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लेकिन इसके कुछ साल बाद शौचालय की इस जमीन पर शटर लगाकर कब्जा हो गया।
देहरादून पलटन बाजार में यहां खरीददारी करने वालों में आज से नहीं बल्कि सालों से अधिकतर महिलाएं ही जाती है।
लेकिन इसके बाद भी यहां महिलाओं के लिए एक शौचालय सुविधा अभी तक नहीं हुई है।
जानकारी के अनुसार, आखिर यह मामला संज्ञान में है, और इस संबंध में दुकानदारों से बातचीत भी हुई थी, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया था कि दुकानों के पीछे जमीन छोड़ दी जाएगी।
शहर की आधी आबादी बाजारों में सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से परेशान है।
जिन स्थानों पर शौचालय बनने थे वहां कब्जा कर दुकानें चल रही है।
वहीं शौचालयों के जमीन का रोना रोने वाले विभाग इस पर मौन साधे बैठे हैं।
जबकि शौचालय की जमीनों पर अवैध कब्जों की शिकायत आज से नहीं बल्कि वर्ष 2010 से हो रही है।
हद की बात तो यह हैं कि आज तक जमीन नहीं मिली, और पलटन बाजार में शौचालय की दिक्कत चली आ रही है, इसलिए प्रयास किया जाए कि जो जमीन शौचालय के लिए छोड़ी गई थी, उसी जगह या उसके बदले दूसरी जगह पर शौचालय का निर्माण हो जाए, ताकी लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े ।