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'काबुल हाउस की शत्रु संपत्ति पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर कब्जा करने वाले अभियुक्तों पर मुकदमा दर्ज'

Counterfeiting of enemy property: The secret of Dalanwala area, strict action taken by SSP who was deceived by fake documents.

देहरादून : शत्रु संपत्ति में जालसाजी करने वालों पर SSP दून का चला डंडा…डालनवाला स्थित काबुल हाउस की शत्रु संपत्ति पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर क़ब्जाने मामलें में मुकदमा दर्ज..अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश : एसएसपी अजय सिंह !

एसएसपी द्वारा उक्त प्रकरण में जांच कर अभियुक्तों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के दिए गए थे निर्देश।

डालनवाला क्षेत्र के अंतर्गत काबुल हाउस स्थित शत्रु संपत्ति पर कुछ भूमाफियाओं द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर कूटरचित अभिलेखों के आधार उक्त भूमि को क़ब्जाने मामलें में एसएसपी दून अजय सिंह के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

इतना ही नहीं इस केस के दायरे में आए अभियुक्तों के खिलाफ जांच पड़ताल कर कड़ी कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं..

सिलसिलेवार शत्रु भूमि पर 1876 से वर्तमान तक ये होता रहा…

डालनवाला पुलिस के अनुसार ई0सी0 रोड करनपुर पुलिस चौकी के बगल पर भूमि संख्या 15बी (नया नम्बर 24) जो करनपुर पुलिस चौकी के पीछे वाली भूमि जो पूर्व काबूल के अमीर (राजा) याकूब साहब की सम्पत्ति थी,जो 1876 में बिट्रिश सरकार की तरफ से दी गयी थी।

इसके बाद यह भूमि याकूब के वारिसों के नाम दर्ज चली आ रही थी. सन 1947 में बटवारे में याकूब के वारिसान पाकिस्तान चले गये थे. जिसके बाद इनका हिस्सा कस्टूडियन सम्पति (शत्रु संपति) घोषित हुआ।

वर्ष 2000 में साहिद और खालिद पुत्रगण तथाकथित अब्दुल रज्जाक, निवासी ढोलीखाल, जनपद सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) ने इस भूमि को (अब्दुल रजाक की खेवट-47) अपने नाम अंकित करवाया उसके बाद इन दोनो ने इस भूमि की पावर ऑफ अटोनीं मौहमद आरिफ खान पुत्र शफात अली खान निवासी शामली (उत्तर प्रदेश) को दी।

इस भूमि पर विवाद होने के उपरान्त कब्जाधाकरियो की याचिका पर उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड ने याचिका का निस्तारण करते हुए याचिकाकर्ताओ को अपना पक्ष जिलाधिकारी देहरादून/असिस्टेन्ट कस्टूडियन के समक्ष रखने हेतु आदेशित किया और सम्पति पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था।

लेकिन विपक्षीगण मौहमद आरिफ खान पुत्र शफात अली खान निवासी शामली (उत्तर प्रदेश), भगवती प्रसाद उनियाल पुत्र रामकिशन उनियाल आदि ने कटूरचित दस्तावेज मुख्तयारनामाआम, विक्रय पत्र आदि तैयार कर इस भूमि को करीब 30 लोगो को सन 2017 में बेच दिया।

अभ खरीदने वालो नें इसके पश्चयात इस भूमि पर कब्जा कर निर्माण किये।

वही इसके बाद वर्ष 2018 में इस्लामुद्दीन अंसारी पुत्र स्व० समशुद्दीन, द्वारा इस जमीन के बाबत शिकायत जिलाधिकारी देहरादून को दी थी..जिलाधिकारी देहरादून द्वारा जाँच कराकर 2019 में उक्त प्रकरण में अपर जिलाधिकारी न्यायालय देहरादून द्वारा दिनांक 20.11.2021 को शाहिद, खालिद की विरासत खारिज कर दी थी।

इसके बाद वर्ष 2017 में करायी गयी समस्त रजिस्ट्रीयाँ स्वतः निरस्त हो गयी थी, लेकिन कब्जा धारको ने भूमि से अपना कब्जा नहीं हटाया।

इधर 25.05.2022 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में जिलाधिकारी देहरादून ने प्रशासन को उक्त भूमि कब्जाधारियो से खाली खराने के निर्देश पर दिनाँक 02.11.2023 को पुलिस व प्रशासन की टीम द्वारा उक्त भूमि को कब्जाधारियो के कब्जे से मुक्त कराया गया है।

प्रश्नगत भूमि प्रकरण में उच्च न्यायालय नैनीताल का आदेश पारित होने के बाबजूद विपक्षीगण शाहिद, खालिद, आरिफ खान, भगवती प्रसाद उनियाल आदि में षडयन्त्र के तहत कस्टूडीयन/सरकारी सम्पत्ति को कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर तथा सम्पति को गैर कानूनी तरिके से खेवट 47 (खेवटदार अब्दुल रज्जाक) के स्वामित्व की सम्पति दर्शित करते हुए विपक्षी शाहिद व खालिद पुत्रगण अब्दुल रजाक निवासी ढोली खाल सहारनपुर उत्तर प्रदेश, को अब्दुल रज्जाक का पुत्र और वारिस दर्शाते हुए मिलीभगत करके राज्सव अभिलेखो में अपनी विरासत दर्ज करवायी।

इसके पश्चयात इनके द्वारा कूटरचित मुख्तारनामाआम तैयार कराकर उक्त सरकारी सम्पति पर अध्यासित भगवती प्रसाद उनियाल आदि से मिलीभगत करके कूटरचित विक्रय पत्र भगवती प्रसाद उनियाल व अन्य लोगो के पक्ष में तैयार कराये गये।

ऐसे में उपरोक्त प्रकरण में सघन जांच उपरांत थाना डालनवाला पर मु0अ0सं0- 303-2023 धारा-419/420/467/468/471/120 बी भादवि बनाम1.भगवती प्रसाद उनियाल पुत्र रामकिशन उनियाल निo 15-बी, ई0सी0 रोड, देहरादून, डालनवाला, देहरादून,2.शाहिद नि o ढोलीखाल, सहारनपुर, 30प्र0, कोतव बली नगर, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश,3.खालिद ढोलीखाल, कोतवाली नगर,सहारनपुर, उत्तरप्रदेश,4.मौहम्मद आरिफ खान पुत्र शफात अली खान निo शामली, उत्तर प्रदेश के खिलाफ़ मुक़दमा पंजीकृत किया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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