दूसरी ओर देश की अर्थव्यवस्था में मुख्य भागीदारी निभाने वाले व्यापारी वर्ग का उत्पीड़न करने में पीछे नहीं है।
अखिलेश यादव ने कहा कि पांच साल बाद उसे होश आया और अब प्रदेश में उद्यमों के विकास के लिए विदेशी उद्यमियों से मदद मांगने जाना पड़ रहा है।
यहां के उद्यमियों, व्यापारियों को जीएसटी के छापों से भयाक्रांत किया जा रहा है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने की कोशिशों का इससे बढ़कर और क्या मजाक हो सकता है।
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इन दिनों भाजपा सरकार जीएसटी जांच के नाम पर व्यापारियों को परेशान करने में लगी है।
व्यापारी विरोध में बाजार बंद कर रहे हैं। जनसामान्य परेशान है। व्यापार ठप्प है।
भाजपा सरकार का व्यापार जगत के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण उत्तर प्रदेश में घटते व्यापार को और ज्यादा घटाएगा।
जीएसटी छापामारी वसूली और भ्रष्टाचार का एक नया तरीका है। भाजपा सरकार से नौजवान, व्यापारी, किसान, कर्मचारी, मजदूर सभी को धोखा मिला है।
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार व्यापारी हितैषी नहीं, व्यापारी विरोधी सरकार है।
अब व्यापारियों को अपमानित तथा बर्बाद किया जा रहा है।
व्यापारियों से सम्मानजनक ढंग से पूछताछ की जा सकती है, हिसाब-किताब देखा जा सकता है।
व्यापारियों के उत्पीड़न के बजाय उनके व्यापार को बढ़ाने में मदद की जानी चाहिए।
यहां व्यापारियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बाद कौन देशी-विदेशी उद्यमी यहां उद्योग लगाने आएगा।
पहले भी भाजपा सरकार कई इन्वेस्टर्स मीट कर चुकी है पर निवेश कहां आया। ओडी ओपी का बजट कहां दिया।
डिफेंस एक्सपो का भी कोई सार्थक नतीजा नहीं नज़र आ रहा है।
भाजपा सरकार सिर्फ झूठे और लुभावने वादों से लोगों को भटकाने का काम ही करती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने जिस तरह किसानों, नौजवानों को धोखा दिया है वैसे ही वह व्यापारियों के साथ भी छल कर रही है। नोटबंदी के बाद, जीएसटी से हर क्षेत्र में असंतोष है।
अभी तक जीएसटी की अंतिम निर्णायक दरें तक तय नहीं हो सकी है।
समाजवादी पार्टी व्यापारियों की हितैषी है और उनकी न्यायसंगत मांगों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी।
जीएसटी और अन्य विभागों द्वारा उत्पीड़नकारी कार्यवाहियों को तत्काल बंद किया जाए।