सदन में विधायक जसपुर आदेश चौहान ने अपना विषय उठाते हुए कहा कि इसी वर्ष जुलाई में जसपुर में सूदखोरों के संबंध में वह किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ एसडीएम कार्यालय गए थे.
जिस पर उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।
अगले दिन तीन व्यक्ति उनके यहां आए और उनसे अभद्रता की।
पुलिस को फोन करने पर पुलिस तीनों को पकड़ कर ले भी गई।
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उन्होंने इन तीन व्यक्तियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी।
विधायक ने आरोप लगाया कि आरोपितों पर कार्रवाई करने के स्थान पर दोपहर दो बजे पुलिस ने उनका गनर वापस ले लिया।
उन्होंने थाने में धरना दिया, आश्वासन मिला लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।
इसके बाद जब वह मुख्यमंत्री से मिले तब कहीं जाकर रिपोर्ट दर्ज की गई।
साथ ही उनके खिलाफ क्रास एफआइआर भी हुई, अब जांच अधिकारी भी बदल दिया गया है।
उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह विधानसभा द्वार के सामने आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।