उत्तराखंड में फिलहाल पशु चिकित्साधिकारियों और पशुपालकों के लिए सुकून देने वाली बात यह है कि अभी तक लंपी बीमारी के चलते किसी भी मवेशी की मौत सामने नहीं आई है। दूसरी ओर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर विद्यासागर कापड़ी का कहना है कि यदि किसी भी मवेशी में लंपी बीमारी के लक्षण दिखते हैं तो तत्काल इसकी जानकारी मुहैया कराएं। ताकि समय रहते बीमारी से संक्रमित मवेशियों का इलाज कर उनकी जिंदगी बचाई जा सके।
बता दें कि गुजरात समेत देश के कई राज्यों में मवेशियों पर जानलेवा संक्रमित बीमारी लंपी के फैलने के बाद उत्तराखंड के हरिद्वार में भी बीमारी ने पिछले दिनों हमला बोला था।
लंपी बीमारी को रोकने को लेकर सरकार, शासन के निर्देश पर पशु चिकित्सा विभाग की ओर से तमाम एहतियाती कदम उठाए गए। लेकिन, इसके बावजूद बीमारी को फैलने से रोका नहीं जा सका।
लंपी बीमारी हरिद्वार के अलावा देहरादून तक फैल गई है। राजधानी दून के कई डेयरी संचालकों के दुधारू पशुओं गाय और भैंस पर बीमारी ने हमला बोल दिया है। पशुपालकों की मानें तो कई गाय और भैंस की हालत गंभीर बनी हुई है।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विद्यासागर कांपड़ी ने बताया कि फिलहाल पूरे जिले में 15 मवेशियों में बीमारी के संक्रमण की पुष्टि हुई है। सभी मवेशियों का टीकाकरण करने के साथ ही दवाइयां खिलाई जा रही हैं।
फिलहाल अभी तक एक भी मवेशी की मौत की सूचना नहीं है। वहीं, चिकित्साधिकारियों की टीमें पशुपालकों को इस बात की भी जानकारी दे रही हैं कि लंपी बीमारी से संक्रमित मवेशियों को बचाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं।