Marriage Certificate क्यों है जरूरी? : शादी के बाद Marriage Certificate बनवाना कानूनी और व्यक्तिगत दृष्टिकोण से बेहद जरूरी है। यह दस्तावेज़ न केवल आपकी शादी का प्रमाण है, बल्कि भविष्य में कानूनी और अधिकारिक मामलों में आपकी सहायता करता है।
शादी के कितने साल बाद तक बना सकते हैं मैरिज सर्टिफिकेट
शादी एक महत्वपूर्ण जीवन-घटना है जिसमें दो व्यक्ति रस्मों और परंपराओं के साथ जीवन भर साथ रहने की प्रतिज्ञा करते हैं। भारत में, शादी की रस्मों को लेकर हर कोई उत्साहित होता है, लेकिन Marriage Certificate की आवश्यकता को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। मैरिज सर्टिफिकेट न केवल एक कानूनी दस्तावेज है बल्कि भविष्य में कई कानूनी और व्यक्तिगत मामलों में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5 साल तक बनवा सकते हैं मैरिज सर्टिफिकेट
भारत में किसी भी धार्मिक पद्धति से हुई शादी का प्रमाण पत्र बनवाना जरूरी है। शादी के 30 दिन के भीतर Marriage Certificate के लिए आवेदन करना होता है। यदि इस अवधि में आवेदन न हो सके, तो लेट फीस के साथ यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। यह सुविधा शादी के 5 साल बाद तक उपलब्ध रहती है, लेकिन इसके लिए जिला रजिस्ट्रार से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
Marriage Certificate के लिए आवेदन कैसे करें?
मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए स्थानीय रजिस्ट्रार ऑफिस या ग्राम पंचायत कार्यालय में आवेदन करना पड़ता है। आवेदन प्रक्रिया के लिए आपको पूरी जानकारी और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे। इसमें दो गवाहों की मौजूदगी भी अनिवार्य है। इसके अलावा, Marriage Certificate के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे प्रक्रिया और भी आसान हो जाती है।
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Marriage Certificate बनवाने के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- पति-पत्नी का जन्म प्रमाणपत्र.
- आधार कार्ड.
- चार-चार पासपोर्ट साइज फोटो.
- शादी के दौरान खींची गई स्पष्ट तस्वीरें.
- शादी का कार्ड.
Marriage Certificate का महत्व केवल एक दस्तावेज़ तक सीमित नहीं है। यह कानूनी सुरक्षा, पासपोर्ट या वीज़ा प्रक्रिया, बैंक खाते में नामांकन, और संयुक्त संपत्ति में साझेदारी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में काम आता है। महिलाओं के लिए विशेष रूप से यह दस्तावेज़ सुरक्षा और अधिकारों की गारंटी देता है।