कोहनी में क्यों लगता है करंट? : इंसानी शरीर बेहद विचित्र होता है, इसकी बनावट इतनी अनोखी है कि जब आप इसे पूरी तरह से समझ लेंगे तो प्रकृति को बेहद होनहार आविष्कारक मानेंगे, जिसने हमारे शरीर को इतना दिमाग लगाकर डिजाइन किया. शरीर के कुछ अंग बेहद सख्त होते हैं. ये सख्त इस वजह से भी होते हैं, जिससे शरीर को चोट लगने से बचा पाएं. कोहनी भी ऐसा ही एक हिस्सा है. यहां दो हड्डियां आकर जुड़ती हैं. अक्सर लोग शरारत में एक दूसरे को चिकोटी काट लेते हैं. सिर्फ बच्चे ही नहीं, कई बार तो बड़े भी मस्ती में ऐसा कर देते हैं. जब कभी कोई तेजी से चिकोटी काटता है, तो जोरदार दर्द महसूस होता है. पर क्या आपने कभी गौर किया है कि अगर आप कोहनी पर या फिर घुटनों पर खुद को या किसी दूसरे को चिकोटी काटी होगी, तो उन्हें तीव्र दर्द नहीं हुआ होगा. कभी आपने इसका कारण सोचा है ?
कोहनी पर चिकोटी काटने से दर्द क्यों नहीं होता ?
कोहनी की चमड़ी काफी पतली होती है, इसमें फैट कम होता है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार कोहनी की चमड़ी में बेहद कम नर्व एंडिंग होती हैं. आसान शब्दों में कहें कि नसें कम होती हैं, जिससे स्किन पर असर कम होता है. कोहनी की स्किन सख्त होती है, इस वजह से वहां पर दर्द के रिसेप्टर भी कम होते हैं. शरीर के जिन हिस्सों को चोट लगने की ज्यादा संभावना होती है, या जो हिस्से ज्यादा कमजोर होते हैं, वहां ज्यादा नर्व एंडिंग होती हैं, वो ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
कोहनी में क्यों लगता है करंट?
कोहनी के बारे में एक बात और ध्यान देने वाली है. आपने गौर किया होगा कि अगर कभी आपकी कोहनी गलती से किसी टेबल या अन्य सख्त चीज से टकरा जाए, तो करंट लगता है. क्या आप जानते हैं कि इसका क्या कारण है? साइंस एबीसी के मुताबिक ऐसा अल्नर नर्व की वजह से होता है जिसे फनी बोन कहते हैं. फनी इसलिए है क्योंकि ये करंट लगने का नकली संकेत देती है. ये गर्दन से शुरू होती है और उंगलियों तक जाती है. इस नर्व का नाम उस हड्डी पर पड़ा है जो बांह के निचले हिस्से में होती है और उसका बाहर निकला हुआ उभार कोहनी का काम करता है।
हमारे शरीर की सारी नर्व मांसपेशियों के द्वारा छुपी होती हैं जिससे उन्हें किसी तरह का खतरा न हो. अल्नर नर्व भी छुपी होती है मगर कोहनी वाली जगह पर, जहां हाथ की ऊपरी हड्डी और निचली हड्डी मिलती हैं, ये नर्व ढकी नहीं रहती है. यहां एक क्यूबिटल टनल होता है जहां सिर्फ स्किन और फैट से ये नर्व छुपी रहती है. इस वजह से यहां पर जब इस नर्व को छुआ जाए, तो ये सेंसेशन पैदा करती है. जब कोहनी किसी सख्त चीज से टकराती है, तो ये नर्व, हड्डी से दबती है और इसकी वजह से दिमाग बिजली के झटके जैसा अनुभव करवाता है जिससे लोग तुरंत अपनी कोहनी को वहां से हटा लेते हैं।