देहरादून : धामी सरकार ने वन विभाग में शुक्रवार को 13 आईएफएस अधिकारियों के तबादले किए गए। शाम को शासन की ओर से इसके आदेश भी जारी हो गए हैं।
उत्तराखंड में आईएफएस (भारतीय वन सेवा) अधिकारियों की तबादला सूची जारी हो गई है। पिछले लंबे समय से इस सूची का इंतजार किया जा रहा था।
ट्रांसफर के साथ ही कई अधिकारियों को जिम्मेदारी भी बदली गई है। उत्तराखंड में IFS अधिकारियों के बड़े स्तर पर तबादले किए गए हैं।
इसमें कई अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदली गई है। जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव हुआ है, उनमें पीसीसीएफ से लेकर डीएफओ लेवल के अधिकारी शामिल है।
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राजाजी पार्क के निदेशक डॉ. साकेत बडोला को कॉर्बेट पार्क का नया निदेशक बनाया गया। वन्यजीव संरक्षण में उनके काम और अनुभव को देखते हुए यह अहम दायित्व दिया गया।
बीपी गुप्ता को पीसीसीएफ-वन पंचायत एवं प्रशासन की जिम्मेदारी दी गई। पीसीसीएफ रंजन मिश्रा को सीईओ-कैंपा और एपीसीसीएफ मनोज चंद्रन को सीईओ-बांस बोर्ड की जिम्मेदारी मिली।
कल्याणी को डीएफओ रुद्रप्रयाग और उप वन संरक्षक केदारनाथ बनाया गया। टौंस-पुरोला में अवैध कटान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने वाले कुंदन कुमार को डीएफओ हल्द्वानी और अभिमन्यु को डीएफओ चकराता बनाया गया।
आईएफएस अधिकारियों के तबादलों पर सवाल भी उठने लगे हैं। सरकार ने पीसीसीएफ विजय कुमार को जायका से हटाकर जैव विविधता बोर्ड में अध्यक्ष बना दिया है।
जबकि, उनका इसी साल दिसंबर में रिटायरमेंट है। विभागीय सूत्रों ने बताया है कि, ऑल इंडिया सर्विस के नियमों के तहत रिटायरमेंट के एक साल या कम समय रहते हुए किसी अधिकारी का तबादला नहीं हो सकता है।
तबादला होगा तो उसके लिए केंद्र से परमिशन लेनी होगी।
जबकि, इस मामले में ऐसा कुछ नहीं किया गया है। वहीं, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि ऐसा कोई नियम नहीं है। प्रदेश में नियमानुसार ही तबादले किए गए हैं।