उत्तराखंड : केदारनाथ की वर्तमान विधायक श्रीमती शैलारानी रावत 68 वर्ष की आयु में अस्वस्थता के चलते हार गई जिंदगी जंग ।
श्रीमती शैला रानी रावत ने रात 10.30 बजे मैक्स अस्पताल में ली अंतिम सांस, बताया जा रहा है कि शैला रानी जी लम्बे समय से अस्वस्थ चल रही थी।
केदारनाथ विधायिका की मौत से पूरे प्रदेश में मातम का माहौल है उनका इलाज लंबे समय से मैक्स अस्पताल देहरादून में चल रहा था।
पिछले 2 दिन से थीं वेंटिलेटर पर
विधायक के भाई व उत्तराखंड प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय राणा ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की है।
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विधायक शैलारानी दो दिन से मैक्स अस्पताल में वेंटिलेटर पर थीं। बता दें कि रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर के बाद हुई सर्जरी के बाद से वह ठीक नही हो पाई थीं।
बता दें कि वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शैलारानी रावत गिर गई थीं, जिससे गिरने की वजह से उन्हें आंतरिक चोट आई थी।
चोट से मांस फटने के कारण उन्हें कैंसर भी हो गया था। करीब तीन वर्ष तक चले इलाज के बाद वह स्वस्थ्य होकर अपने घर लौटी और फिर से राजनीति में सक्रिय हो गईं।
वहीं कुछ माह पूर्व ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ की सीढ़ियों से गिर जाने के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर आ गया था।
परिजनों द्वारा उन्हें हायर सेंटर ले जाया गया, जहां उनकी सर्जरी की गई, पर वह सफल नहीं हो पाईं। दो दिन से वह जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थीं।
उनका अंतिम संस्कार बुधवार को उनके पैतृक स्थान पर होगा
शेला रानी रावत ने अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू किया था और 2012 में वह विधानसभा पहुंची थीं।
हरीश रावत की सरकार के दौरान कांग्रेस में हुई बगावत के समय शैलारानी भी पार्टी के नौ वरिष्ठ विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गईं।
भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनाव में उन्हें केदारनाथ सीट से टिकट दिया था, लेकिन वह हार गई थीं।
2022 में पार्टी ने उन्हें फिर प्रत्याशी बनाया। तब शैलारानी ने जीत दर्ज की थी।