नीट यूजी रिजल्ट पर बढ़ते विवाद को देखते हुए भारत के शिक्षा विभाग की ओर से प्रेस क्रॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रेस वार्ता में नीट यूजी रिजल्ट में गड़बड़ी से जुड़े सभी आरोपो पर सफाई दी गई।
नीट यूजी परीक्षा का रिज्लट घोषित होने के बाद से ही एनटीए विवादों के घेरे में आ गया है। देशभर से रिजल्ट में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं, जिसको लेकर आज प्रेस कॉन्फेंस का आयोजन किया गया। इस प्रेस वार्ता का आयोजन नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) नई दिल्ली कार्यालय में किया जा रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि ‘गड़बड़ी का जो मामला बताया जा रहा है, वो सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 उम्मीदवारों तक सीमित है। हमने एक्सपर्ट कमेटी बनाकर समीक्षा की थी। फिर से एक नई अपर लेवल कमेटी बनाई गई है, जो पहले की कमेटी (ग्रीवांस रीड्रेसल कमेटी) की रिपोर्ट की समीक्षा करेगी।’
प्रेस वार्ता में कहा गया है कि ‘यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष और अन्य शिक्षाविदों को मिलाकर कमेटी बनाई गई है, जो नीट के मामले की जांच करेगी। समिति एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद फैसला लिया जाएगा।
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शिक्षा सचिव ने कहा कि ‘1563 उम्मीदवारों को नीट में ग्रेस मार्क्स मिले। इनमें से 790 उम्मीदवार ग्रेस मार्क्स से क्वालिफाई हुए हैं। बाकी सभी के मार्क्स या तो निगेटिव में ही रहे या वो पास नहीं हो सके। ओवरऑल पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। ग्रेस मार्क्स अलग-अलग होता है। आंसरिंग एफिशिएंसी वगैरह के आधार पर।
एक सेंटर से 6 टॉपर वाले सवाल का जवाब देते हुए एजुकेशन सेक्रेटरी ने कहा, ‘उस सेंटर का एवरेज मार्क्स 235 था। यानी वहां इतने कैपेबल छात्र थे, जो हाई स्कोर कर सकते थे, इसीलिए बिना ग्रेस मार्क्स भी उनका एवरेज मार्क्स ज्यादा था। लेकिन जिन सेंटर्स पर गड़बड़ी हुई है, उनपर एक्शन लिया जाएगा।
शिक्षा सचिव ने कहा है कि LOSS OF TIME के मानदंड़ के आधार पर कंपेनसेटरी मार्क्स दिए गए हैं। मामला सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 बच्चों का है। कमेटी का जो भी फैसला होगा, वो उन्हीं के लिए लिया जाएगा। अन्य पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।’ हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस से ये भी संकेत दिए गए हैं किअगर नीट परीक्षा फिर से आयोजित होती है तो सभी केंद्रों पर नहीं होगी। ये सिर्फ 6 सेंटर्स के लिए आयोजित की जाएगी।