आगामी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के कई खिलाड़ी लय से भटके हुए हैं. यही खिलाड़ी भारत के दूसरी बार टी20 विश्व विजेता बनने के सफर में बाधा डाल सकते हैं।
वर्ल्ड कप के शुरु होने में मात्र 2 दिन बाकी हैं और 20 देशों की टीमों के बीच चमचमाती वर्ल्ड कप ट्रॉफी की जंग छिड़ी होगी।
BCCI ने 30 अप्रैल को वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का एलान किया था, जिसकी कप्तानी रोहित शर्मा को सौंपी गई थी. याद दिला दें कि हाल ही में आईपीएल 2024 सीजन संपन्न हुआ है, जिसमें कुछ खिलाड़ियों की फॉर्म चिंता का विषय बनी हुई थी।
उन्हीं आउट ऑफ फॉर्म खिलाड़ियों में से कुछ को वर्ल्ड कप स्क्वाड में भी जगह दी गई है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या भारत इस बार ट्रॉफी उठा सकता है।
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तो आइए उन फॉर्म से बाहर चल रहे प्लेयर्स पर नजर डालते हैं जो भारत के टी20 वर्ल्ड कप विजेता बनने में बाधा डाल सकते हैं।
हार्दिक पांड्या को टीम इंडिया का उपकप्तान बनाया गया है. उनसे ना केवल बैटिंग बल्कि गेंदबाजी में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी. पांड्या को वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के तीसरे पेसर के रूप में देखा जा रहा है।
आईपीएल 2024 में उन्होंने केवल 216 रन बनाए और गेंदबाजी करते हुए 11 विकेट ले पाए थे. केवल आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर उनकी फॉर्म का आंकलन नहीं किया जा सकता, लेकिन हार्दिक ने पिछले साल अक्टूबर से कोई अंतर्राष्ट्रीय मैच भी तो नहीं खेला है।
लोवर मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी और तीसरे पेसर के तौर कप्तान रोहित शर्मा को हार्दिक की बहुत ज्यादा जरूरत है. उनका बेहतर प्रदर्शन, भारत की ट्रॉफी जीतने की उम्मीदों को सातवें आसमान पर पहुंचा सकता है।
मोहम्मद सिराज नियमित रूप से भारत के लिए वनडे और टेस्ट क्रिकेट खेलते रहे हैं. मगर टी20 क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड कुछ खास अच्छा नहीं है।
आपीएल 2024 में उन्होंने 14 मैचों में 15 विकेट लिए और इकॉनमी रेट 9 से भी ऊपर रहा. पिछले साल दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज के 2 मैचों में सिराज केवल एक विकेट ले पाए थे।
सिराज के सामने ना केवल लगातार विकेट चटकाते रहने की चुनौती है बल्कि उन्हें कसी हुई गेंदबाजी करते हुए इकॉनमी रेट पर भी ध्यान देना होगा।
रवींद्र जडेजा का गेंदबाजी वेरिएशन अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों के छक्के छुड़ाता आया है. टी20 क्रिकेट में उनके नाम 66 मैचों में 53 विकेट हैं और इकॉनमी रेट भी मात्र 7.1 का है।
मगर जेडजा के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि क्या वो जरूरत पड़ने पर मैच फिनिशिंग पारी खेल पाएंगे. एक मैच फिनिशर के तौर पर जडेजा काफी समय से फेल होते रहे हैं।