भुवनेश्वर. झोलाछाप डॉक्टर ओडिशा के मयूरभंज जिले के गौड़ियाबहली गांव के 75 साल के दैतारी मोहंता पीठ दर्द से बेहद परेशान थे. एक दिन क्योंझर जिले के कांतिपाल निवासी और खुद को डॉक्टर कहने वाला विश्वनाथ बेहरा उसके घर आए और कहा कि वह उनके लिए भुवनेश्वर से दवा और इंजेक्शन लेकर आए हैं. दवा के सेवन और इंजेक्शन से फौरन ही उन्हें पीठ के दर्द से छुटकारा मिल जाएगा. अब मोहंता पीठ दर्द से तो थे ही परेशान. विश्वनाथ को देख ऐसा लगा कि अब उन्हें दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा. वे विश्वनाथ से इंजेक्शन लगवाने के लिए तैयार हो गए.
मोहंता की हां सुनते ही विश्वनाथ ने फटाफट तीन इंजेक्शन लगा दिए. हर इंजेक्शन की कीमत 500 रुपये थी. साथ ही अगले तीन दिन तक छह गोलियां खाने के लिए भी दी और फीस के नाम पर 400 रुपये ले लिए. अगले दिन सुबह-सुबह मोहंता को बेचैनी और बुखार महसूस हुआ. ऊपर से दस्त भी शुरू हो गया. इसके बाद उनके बेटे ने उन्हें फौरन ठाकुरमुंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. मोहंता की हालत गंभीर थी, लिहाजा डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कर दिया.
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
सही समय पर अस्पताल पहुंचने से मोहंता की जान बच गई और उन्हें अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. जब मामला पुलिस तक पहुंचा तो झोलाछाप डॉक्टर विश्वनाथ फरार हो गया. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने विश्वनाथ के खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 337 और 417 के तहत मामला दर्ज कर लिया.
पहले भी एक शख्स को दे चुका था पशुओं का इंजेक्शन
पुलिस का कहना है कि आरोपी डॉक्टर ने पहले भी माहुलडीहा गांव के रहने वाले श्रीकांत मोहंता को पशुओं का इंजेक्शन लगाया था. उसने श्रीकांत के सामने खुद को ठाकुरमुंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का डॉक्टर होने का दावा किया था. फिलहाल, पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि वह जल्द ही सलाखों के पीछे होगा.