उत्तराखंड : दून में ढाई माह से दहशत का पर्याय बना आदमखोर गुलदार आखिरकार वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया। वन विभाग के अधिकारियों व चिकित्सकों के अनुसार, यह वही गुलदार है, जिसने डेढ़ माह के अंदर सिगली गांव और मराड़ी गुर्जर बस्ती में दो बच्चों को निवाला बनाया था।
इसके आतंक से मालसी और रायपुर रेंज के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत बनी हुई थी।
आदमखोर को पकड़ने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग को निर्देश दिए थे। दून में जंगलों से सटे क्षेत्रों में कुछ माह से गुलदार की चहलकदमी बनी हुई थी।
करीब दो माह पूर्व सिगली गांव में घर के आंगन से गुलदार चार वर्षीय बच्चे को उठा ले गया था। इसके कुछ दिन बाद सोंधोवाली क्षेत्र में रिस्पना नदी के पास भी गुलदार ने 12 वर्षीय बालक पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
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फरवरी में गलज्वाड़ी गांव के पास स्थित मराड़ी गुर्जर बस्ती में भी गुलदार ने नौ वर्षीय बच्चे को निवाला बना लिया। लगातार हो रहे गुलदार के हमलों से क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल था।
साथ ही वन विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी गुलदार के बढ़ते हमलों के मद्देनजर वन विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द गुलदार को पकड़ने के निर्देश दिए थे।
मराड़ी गुर्जर बस्ती में गुलदार के हमले में बच्चे की मौत के बाद वन विभाग की ओर से गुलदार को आदमखोर घोषित कर अंतिम विकल्प के रूप में गोली मारने के आदेश भी जारी कर दिए गए थे।
इसके बाद से ही वन विभाग की ओर से विभिन्न टीमों को किमाड़ी समेत आसपास के क्षेत्रों में तैनात कर दिन-रात गश्त की जा रही थी।
विशेषज्ञों की टीम गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने के लिए तैनात थी, लेकिन वह लगातार टीम को चकमा दे रहा था। गुरुवार को किमाड़ी के पास बितरली गांव में लगाए गए पिंजरे में गुलदार कैद हो गया।
फिलहाल, गुलदार को रेस्क्यू सेंटर में ही पिंजरे में रखा जाएगा। वन विभाग के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने झोंक दी थी ताकत आदमखोर हो चुके गुलदार को पकड़ने के लिए रायपुर व मालसी रेंज से दो विशेष टीमों का गठन किया गया था, जो कि दिन-रात क्षेत्र में गश्त कर रही थीं।
इसके अलावा वन मुख्यालय की रेस्क्यू टीम और दो विशेषज्ञ पशु चिकित्सक भी संभावित क्षेत्र में तैनात थे।
गलज्वाड़ी, सिगली, किमाड़ी आदि क्षेत्रों में 12 पिंजरे, 40 कैमरा ट्रैप व चार लाइव कैमरे लगाने के साथ ही वन विभाग की टीम ड्रोन कैमरे भी गुलदार को तलाश रही थी।
गुरुवार सुबह रिखोली बीट के अंतर्गत कल्डियाणा-बितरली ग्रामसभा के वन क्षेत्र में गुलदार पिंजरे में कैद हो गया।
प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी वैभव कुमार ने बताया कि गुलदार लगभग पांच से छह वर्ष का स्वस्थ वयस्क नर है, जिसके बायीं तरफ के ऊपर व नीचे के दोनों कैनाइन दांत क्षतिग्रस्त हैं।
जिसे पशु चिकित्साधिकारी मालसी डा. प्रदीप मिश्रा की देख-रेख में रखा गया है।
मालसी रेंज की क्षेत्राधिकारी सुचि चौहान और रायपुर रेंज के क्षेत्राधिकारी राकेश नेगी के नेतृत्व में वन दारोगा अभिषेक सजवान, सुरेश नेगी, राहुल चौहान, रेस्क्यू के सदस्य जितेंद्र बिष्ट समेत अन्य कर्मचारियों ने गुलदार को बेहोश कर राजपुर स्थित रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया।