11 अक्टूबर को पिथौरागढ़ जिले के दो दिवसीय दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन सीमा से सटे आएंगे।
प्रधानमंत्री ने न केवल चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने का संदेश दिया है, बल्कि सनातन धर्म और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में भी एक महत्वपूर्ण संकेत दिया है।
दो दिवसीय दौरे में प्रधानमंत्री आदि कैलाश दर्शन के साथ ही ओल्ड लिपुलेख में साइट सीन स्थल का उद्घाटन कर सनातन और देश की सुरक्षा का भी संदेश देंगे।
इस साइट सीन स्थल पर पहुंचकर यात्री सीधे कैलास मानसरोवर के दर्शन कर सकेंगे।
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चीन सीमा से सटा पिथौरागढ़ जिला विशेष रूप से इस महीने के लिए खास है, क्योंकि 1962 में अक्टूबर में ही चीन ने भारत के खिलाफ युद्ध की शुरुआत की थी।
इस दिनांक की महत्ता को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने चीन के साथ के संबंधों को मजबूत करने के लिए अपना यह दौरा चुना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ओल्ड लिपुलेख में साइट सीन स्थल का उद्घाटन किया, जो कैलास मानसरोवर यात्रा के दर्शन के लिए जरूरी है।
यह स्थल भारत-चीन सीमा के पास स्थित है और यात्री इसके माध्यम से सीधे कैलास मानसरोवर के दर्शन कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने धारचूला में धर्म ध्वजा के साथ सुरक्षा को पुख्ता करने वाला अजेय पताका भी फहराया।
देशवासियों के विश्वास को भी मजबूत करेंगे कि हम चीन ( से किसी मायने में कम नहीं हैं। इससे पूर्व प्रधानमंत्री 2017 में एक चुनावी सभा में पिथौरागढ़ पहुंचे थे।
वहीं, कोविड के बाद से ही चीन अधिकृत तिब्बत तक होने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा भी स्थगित है।
भारत चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए तैयार है और चीन से आगे के समय में न्यूनतम तनाव की ओर बढ़ रहा है।