उत्तराखंड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड समिति का कार्यकाल फिर से बढ़ाने का प्रस्ताव भेज दिया है, जिससे समिति का कार्यकाल अब फिर चार माह तक बढ़ सकता है।
समिति का कार्यकाल 27 सितंबर को समाप्त हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक उसने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट सरकार को सौंपी नहीं है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर 27 मई 2022 को सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनाई गई थी।
समिति से छह माह में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) का ड्राफ्ट तैयार करके रिपोर्ट देने की अपेक्षा की गई थी, लेकिन तय समय पर ड्राफ्ट तैयार नहीं हो पाया।
- Advertisement -
सरकार ने छह माह का विस्तार दिया और 27 मई 2023 को समिति का कार्यकाल पूरा हो गया, उसके बावजूद उसने रिपोर्ट सरकार को सौंपी नहीं है।
इसके बाद, समिति ने शासन को चार माह का और विस्तार देने के प्रस्ताव को भेज दिया है।
यदि सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार करती है, तो यह तीसरी बार होगा कि समिति का कार्यकाल बढ़ा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समिति की त्वरित कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन तय समय पर ड्राफ्ट तैयार नहीं हो सका।
इसके बाद समिति का कार्यकाल फिर से बढ़ा दिया गया और अब विशेषज्ञ समिति यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है, लेकिन रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी गई है।
समिति ने यूसीसी के ड्राफ्ट में शासन को विस्तार देने के संबंध में प्रस्ताव भेजा है, जिसे विशेष सचिव (गृह) रिद्धिम अग्रवाल ने पुष्टि की है।
यदि सरकार प्रस्ताव को स्वीकार करती है, तो इससे उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का कार्यकाल फिर से बढ़ सकता है, जो दो से चार माह के बीच हो सकता है।
समिति के प्रस्ताव को सुनकर लोगों में आशा की बातें हो रही हैं, और वे इसके परिणामस्वरूप उत्तराखंड में न्याय और शासन के क्षेत्र में सुधार की ओर कदम बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं।
सरकार के अधिकारियों का कहना है कि समिति के प्रस्ताव का विचार करके एक निर्णय लिया जाएगा, और उसके बाद ही कार्यकाल बढ़ाने का फैसला किया जाएगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) का मुद्दा उत्तराखंड में चर्चा का केंद्र बन गया है, और लोगों की उम्मीद है कि सरकार जल्दी ही इस परियोजना को पूरा करेगी और न्याय के क्षेत्र में सुधार करेगी।