नकली दवाई बनाने वाली फैक्टरी का पर्दाफाश होने के बाद हरिद्वार पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर की कड़ी कार्रवाई।
इस कार्रवाई में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है जिसने नकली दवाओं के बड़े पैमाने पर निर्माण और विपणन का काम किया था।
फैक्टरी के रेड में से विभिन्न कंपनियों की करीब 25 लाख रुपये की नकली एंटीबायोटिक दवा के साथ ही इसकी बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की भी बरामदगी की गई।
यह फैक्टरी ग्राम मतलबपुर में एक घर में छिपकर चल रही थी और उसके संचालन के पीछे यहाँ के एक आरोपी का हाथ था।
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हरिद्वार क्षेत्र में नकली दवाओं के प्रसार की सूचना काफी समय से एसटीएफ के पूरे प्रयासों के बावजूद चल रही थी।
एसटीएफ की एएनटीएफ टीम ने इस सूचना के आधार पर इस समस्या को गंभीरता से लिया और मंगलवार को ग्राम मतलबपुर क्षेत्र में छापा मारा।
इस छापे के दौरान नकली दवाइयाँ बनाने वाली मशीनें, नकली रैपर और कच्चे माल आदि का बड़ा स्टॉक बरामद किया गया।
गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम अमित धीमान है, जिन्होंने नकली दवाओं के पैमाने पर तस्करी का काम किया।
उन्होंने खुद से बताया कि वह ये दवाएँ कुरियर सेवाओं के माध्यम से विभिन्न राज्यों में पहुँचाता था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपी के साथ-साथ उसके सहयोगियों की भी तलाश की जा रही है, जो इस व्यापार में शामिल थे।
हरिद्वार क्षेत्र में नकली दवाओं के व्यापार के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई की एक और मिसाल है।
पिछले कुछ सालों में यहाँ पर कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें नकली दवाओं के निर्माण और विपणन का पर्दाफाश हुआ है, लेकिन इस बार सख्त कार्रवाई की जा रही हैं।
एसटीएफ की इस कार्रवाई के बाद अब यह जरूरी है कि पुलिस और सरकारी अधिकारियों को इस विषय में और भी सख्ती से काम करना चाहिए, ताकि नकली दवाओं का व्यापार पूरी तरह से रोका जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।*