आधुनिकता और परंपरा का मेल, मुख्यमंत्री धामी ने किया शोभायात्रा में प्रतिभाग
देवभूमि उत्तराखंड के प्रमुख महादेव स्थलों में से एक, टपकेश्वर महादेव के प्रति श्रद्धा और भक्ति की भावना ने हमेशा से लोगों को आकर्षित किया है।
इसी आकर्षण को महसूस करते हुए, इस बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टपकेश्वर महादेव की भव्य शोभायात्रा में सहागामी बनकर इस पवित्र यात्रा में भाग लिया।
महादेव के भक्त और पूजारी महंत श्री कृष्णा गिरी महाराज के साथ उन्होंने पूजा अर्चना की और शोभायात्रा की शुरुआत की।
इस शोभायात्रा को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक विरासत को प्रमोट करना था।
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मुख्यमंत्री धामी ने इस माहत्वपूर्ण घटना में अपनी उपस्थिति से इसे और भी गरिमापूर्ण बना दिया।
टपकेश्वर महादेव के प्रति आराधना और भक्ति की माहत्वपूर्ण भूमिका और महत्व को मद्देनजर रखते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महादेव के मंदिर में पूजा-अर्चना की और फिर शोभायात्रा का आयोजन किया।
इस महत्वपूर्ण पवित्र यात्रा में भाग लेने से मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को महत्वपूर्ण रूप से उजागर किया और इसे एक नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का संकल्प दिखाया।
इसके साथ ही, उन्होंने धार्मिकता और मौनव्रत के महत्व को भी प्रमोट किया और लोगों को एक अध्यात्मिक अनुभव की ओर प्रोत्साहित किया।
इस शोभायात्रा के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने दर्शाया कि आधुनिकता और परंपरा को मिलाकर ही हम अपनी विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने यह संदेश दिला कि हमारी धार्मिकता ही हमारी पहचान है और इसे हमेशा बनाए रखना चाहिए।
इस आदर्श प्रशासनिक कदम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टपकेश्वर महादेव की शोभायात्रा में भाग लेकर उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को महत्वपूर्णता दी और धार्मिकता के महत्व को प्रमोट किया।
उन्होंने दिखाया कि आधुनिकता और परंपरा का मिलान ही हमें आगे बढ़ने की सामर्थ्य प्रदान करता है।
इस यात्रा के माध्यम से वे धर्म, संस्कृति, और अपनी विरासत के प्रति अपनी मजबूत समर्पण को प्रकट करते हैं।*
मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट के मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, और शहर के मेयर सुनील उनियाल गामा भी मौजूद थे।
टपकेश्वर मंदिर के महंत भरत गिरी समेत कई प्रमुख व्यक्तित्व भी इस अवसर पर उपस्थित थे।