भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक, प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY), ने देश की वित्तीय समावेशन में क्रांतिकारी परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
28 अगस्त 2014 को शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 50 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खोले गए हैं, जिनमें गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोग भी शामिल हैं।
नौ सालों के अवधि में जनधन अकाउंटों में जमा राशि ने 2.03 लाख करोड़ रुपये की गिनती को पार कर लिया है।
पीएमजेडीवाई: गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना
प्रधानमंत्री जन धन योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को बैंक खाते में शामिल करना और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने की सुविधा प्रदान करना है।
इसके अलावा, यह योजना आर्थिक मदद, बीमा, पेंशन, ऋण और निवेश जैसे विभिन्न वित्तीय उत्पादों को उन लोगों तक पहुंचाने का माध्यम भी बन गई है।
आर्थिक समावेशन में उन्नति का प्रतीक
पीएमजेडीवाई योजना ने भारत की वित्तीय समावेशन में व्यापक उन्नति का प्रतीक साबित होते हुए बड़े प्रशंसा का कारण बनाया है।
योजना के तहत खाताधारकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत सीधे भुगतान की सुविधा प्राप्त होती है, जिससे दलालों या बिचौलियों की भूमिका कम होती है। यह योजना सरकार की योजनाओं को जनता के नजदीक लाने में भी सहायक साबित हो रही है।
महिलाओं की सशक्तिकरण का माध्यम
पीएमजेडीवाई खातों में लगभग 55.5% महिलाएं शामिल हैं, जो इस योजना के माध्यम से वित्तीय समावेशन में अपनी भूमिका का सशक्तिकरण कर रही हैं।
इसके साथ ही, ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 67% खाते खोले गए हैं, जिससे गांवों में भी वित्तीय समावेशन की गहराई पहुंची है।
डिजिटल लेनदेन की बढ़ती गति
योजना ने वित्तीय समावेशन में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डेबिट कार्डों की संख्या में वृद्धि और डिजिटल भुगतान प्रणालियों की शुरुआत से, योजना ने डिजिटल भुगतान की संख्या को वृद्धि दिलाई है।
एक नई भारत की दिशा में कदम
पीएम जन धन योजना ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को वित्तीय समावेशन में शामिल करने के साथ ही एक नई भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
यह योजना सरकार की योजनाओं को लाभार्थियों तक सीधे पहुंचाने के साथ-साथ दलालों और बिचौलियों की भूमिका को कम करने में भी सहायक सिद्ध हो रही है।
पीएमजेडीवाई योजना ने भारतीय समाज के गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को वित्तीय समावेशन में शामिल करके उन्हें एक मजबूत आर्थिक भविष्य की दिशा में कदम उठाने में मदद की है।
यह योजना उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और भारत की आर्थिक साक्षरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ समाज के सबसे निचले वर्गों को भी आर्थिक मदद पहुंचाने में सहायक सिद्ध हो रही है।

