भारत में इनकम टैक्स के नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना आवश्यक होता है।
इसके अंतर्गत, सभी व्यक्ति और संस्थान जिनकी आय निर्धारित नियमों से ज्यादा होती है, उन्हें इनकम टैक्स चुकाना पड़ता है।
अधिकांश देशों की तरह, भारत में भी इनकम टैक्स की दरें वर्ष-वर्ष बदल सकती हैं और यह व्यक्ति की आय के आधार पर आयोग्यता के हिसाब से निर्धारित की जाती हैं।
राष्ट्रपति की सैलरी भारत सरकार द्वारा निर्धारित होती है और वर्ष 2021 में यह लगभग 5 लाख रुपये प्रति माह हैं।
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प्रधानमंत्री की मासिक सैलरी भी सरकार द्वारा निर्धारित होती है और यह वर्ष 2021 में लगभग 2 लाख रुपये प्रति महीना थी।
सांसदों और विधायकों की सैलरी भी सरकार द्वारा निर्धारित होती है और इनकी सैलरी की गणना भी आयोग्यता और दरों के अनुसार होती है।
इन सभी अधिकारियों को अपनी आय के आधार पर वार्षिक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरनी पड़ती है।
यह उन्हें वित्तीय वर्ष के अंत तक जमा करनी होती है।
इसमें उन्हें अपनी वार्षिक आय, खर्च और अन्य वित्तीय विवरणों को देखकर इनकम टैक्स विभाग को बताना पड़ता है कि उन्हें कितना टैक्स चुकाना है।
इस प्रकार, भारत में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसद और विधायक सभी को अपनी सैलरी के अनुसार इनकम टैक्स देना पड़ता है।
इससे वे देश के विकास और सार्वजनिक उद्देश्यों की पूर्ति में मदद करते हैं।
भारत के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति की सैलरी (President Salary) हर महीने 5 लाख रुपए है।
पद से रिटायर होने के बाद राष्ट्रपति को हर महीने 1.5 लाख रुपए की सैलरी दी जाती है।
उपराष्ट्रपति की कितनी हैं: सैलरी
भारत के उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति से 1 लाख रुपए कम सैलरी (Vice President Salary) मिलती है। उन्हें हर महीने 4 लाख रुपए सैलरी मिलती है। इसके अलावा अन्य तरह के भत्ते भी दिए जाते हैं।
प्रधानमंत्री की सैलरी
भारत के प्रधानमंत्री की बेसिक सैलरी (Prime Minister Salary) 1 लाख 60 हजार रुपए है।
इसके साथ ही प्राइम मिनिस्टर को अलग-अलग तरह के सरकारी भत्ते और सेवाएं मिलती हैं।
सांसद की सैलरी
लोकसभा की आंकड़ों के अनुसार, एक सांसद को हर महीने 1.4 लाख सैलरी दी जाती है।
इसमें 50,000 वेतन, 45,000 निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 15,000 कार्यालय खर्च, 30,000 रुपए सचिवीय सहायता होती है।
इसके अलावा सालभर में 34 हवाई यात्रा समेत कई भत्ते और सुविधाएं दी जाती हैं।
राज्यपाल को कितनी सैलरी मिलती है
भारत में राज्यपाल की हर महीने 1 लाख 10 हजार रुपए सैलरी (Governor Salary in India) दी जाती है। सभी तरह के भत्ते मिलाने के बाद उनकी सैलरी 3.5 लाख रुपए हो जाती है।
मुख्यमंत्री को कितनी सैलरी दी जाती है
भारत के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री की सैलरी (Chief Minister Salary) भी अलग-अलग है।
वर्तमान में सबसे ज्यादा सैलरी कर्नाटक के मुख्यमंत्री को 4 लाख 21 हजार रुपए मिलती है। इसके बाद दिल्ली के सीएम की सैलरी आती है, जो 4 लाख प्रति महीना है।
एक विधायक की सैलरी कितनी होती है
विधायक को भी राज्य के हिसाब से सैलरी (MLA Salary) दी जाती है।
अलग-अलग राज्यों में उनकी सैलरी अलग-अलग होती है।
अनुच्छेद 164 के अनुसार विधायक की सैलरी राज्य विधायिका तय करती है।
उत्तर प्रदेश के विधायकों को 1.87 लाख सैलरी मिलती है और मध्यप्रदेश में विधायकों को 1.50 लाख रुपए सैलरी दी जाती है। सबसे कम सैलरी त्रिपुरा के विधायकों को मिलती है। उन्हें हर महीने सिर्फ 34,000 रुपए ही मिलते हैं।
क्या राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसद, विधायक को देना पड़ता है टैक्स
टैक्स के नियम के अनुसार, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसद और विधायक सभी हो इनकम टैक्स देना पड़ता है।
हालांकि, इन्हें टैक्स सिर्फ सैलरी पर ही देना होता है। मान लीजिए किसी सांसद की हर महीने की सैलरी 1 लाख रुपए है तो सालभर की सैलरी 12 लाख हुई। इसी सैलरी पर उन्हें टैक्स देना होता है।