जीएसटी काउंसिल की वर्चुअल बैठक की बैठक आज होने वाली है। काउंसिल चीफ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैठक की अध्यक्षता करेंगी।
इस बैठक की मुख्य चर्चा ऑनलाइन गेमिंग कारोबार से जुड़े मुद्दे पर होगी, जिसमें एक समान 28% जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव है।
पहली बार जुलाई के महीने में इसी मुद्दे पर फैसला लिया गया था, लेकिन कंपनियों की यह डिमांड थी कि इस टैक्सेशन को रद्द कर दिया जाए।
पिछली बैठक में, जीएसटी काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और होर्स रेस पर एक समान 28% टैक्स लगाने का फैसला लिया था।
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इसके बाद, बड़ी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और उनके सीईओ ने सरकार से इस फैसले को कैंसल करने का अनुरोध किया।
कंपनियों का तर्क था कि इससे न्यू जेन स्टार्टअप के सामने मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
इसलिए, आज मंत्रियों का समूह ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और होर्स रेस पर 28% जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा करेगा और अंतिम फैसला लेगा।
जबकि 11 जुलाई को, जीएसटी काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और होर्स में दांव की फुल फेस वैल्यू पर 28% टैक्स लगाने को मंजूरी दी थी।
इसके बाद, केंद्र और राज्य टैक्स अधिकारियों वाली कानून समिति ने टैक्स उद्देश्यों के लिए सप्लाई वैल्यू की कैलकुलेशन के संबंध में जीएसटी काउंसिल द्वारा विचार के लिए ड्राफ्ट रूल्स तैयार किए हैं।
इस बैठक में, एक नया नियम जोड़ने का सुझाव है, जिसके तहत ऑनलाइन गेमिंग की सप्लाई की वैल्यू खिलाड़ी की ओर से पैसे या वर्चुअल डिजिटल असेट के माध्यम से ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों के साथ जमा की गई कुल राशि होगी।
कैसीनो के संबंध में, समिति ने प्रस्ताव दिया है कि सप्लाई वैल्यू एक खिलाड़ी द्वारा टोकन, चिप्स, सिक्के या टिकट की खरीद के लिए भुगतान की गई राशि होगी। इन प्रस्तावों पर आज जीएसटी काउंसिल वर्चुअल बैठक में चर्चा की जाएगी।
गेमिंग कंपनियों का तर्क है कि यह उच्च टैक्सेशन के माध्यम से न्यू जेन स्टार्टअप्स और अधिकांश छोटे खिलाड़ियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
उनके मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग एक स्किल बेस्ड एक्टिविटी है और इसे जुआ और होर्स रेस जैसे खेलों के साथ नहीं जोड़ा जा सकता। इसलिए उन्होंने टैक्सेशन पर फिर से विचार करने की गुजारिश की है।
एक समृद्धि और नई दिशा। ।
ऑनलाइन गेमिंग के क्षेत्र में होने वाले टैक्सेशन पर फैसले से भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री को समृद्धि की नई दिशा मिल सकती है।
एक तरफ यह टैक्सेशन कंपनियों के लिए चुनौती है, वहीं दूसरी तरफ इससे सरकार को भी अधिक टैक्स राशि जुटाने का मौका मिलता है।
इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो सकता है, क्योंकि ऑनलाइन गेमिंग के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है।
यह समझना जरूरी है कि टैक्सेशन के फैसले लेने से पहले सरकार को इस इंडस्ट्री के मामले में अधिक शोध करना और एक समझौतेपूर्वक और निष्कर्षकारी तरीके से फैसला लेना चाहिए।
टैक्सेशन के साथ-साथ संबंधित नीतियों को बनाते समय संबंधित इंडस्ट्री, विशेषतः नए स्टार्टअप्स और छोटे विकासशील कंपनियों के मामले में विचारशीलता दिखानी चाहिए।
इससे न केवल कंपनियों को सही समर्थन मिलेगा, बल्कि भारतीय गेमर्स को भी फायदा होगा, जो इस इंडस्ट्री के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
जीएसटी काउंसिल आज अपनी वर्चुअल बैठक में टैक्सेशन के मुद्दे पर चर्चा करेगी और ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और होर्स रेस पर 28% जीएसटी लगाने का अंतिम फैसला लेगी।
इस फैसले से इंडस्ट्री के विकास की नई दिशा तय हो सकती है और सरकार को भी अधिक टैक्स राशि जुटाने का मौका मिल सकता है।
इसलिए, सही समर्थन और विचारशीलता के साथ फैसला लेना आवश्यक है जिससे इंडिया के गेमर्स और इंडस्ट्री दोनों को लाभ हो सके।