रोजगार से मनुष्य रुपए या दौलत ही नहीं कमा सकता है बल्कि उन्नति के अवसर, प्रगति, शोहरत, इज्जत जीवन में कामयाबी आदि की प्राप्ति कर सकता है।
रोजगार केवल जीविका चलाने के लिए ही नहीं किया जाता है बल्कि रोजगार से बहुत सारी ऊंचाइयों को छू सकते हैं और जीवन खुशियों से बिता सकते हैं।
रोजगार हमें बहुत सारी नई चीजों से जागरूक करवाता है।
रोजगार से हमें कई विषयों का ज्ञान होता है उसी ज्ञान की बदौलत कामयाबी हासिल कर सकते हैं क्योंकि देश में आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ बढ़ती श्रम शक्ति के लिए नए रोजगार पैदा करना चुनौती बना हुआ है।
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इसके लिए जहां सरकारी क्षेत्र में नौकरियां बढ़ाना जरूरी है, वहीं निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की तादाद बढ़ाना भी जरूरी है।
रोजगार हर व्यक्ति के जीवन का एक अहम् हिस्सा है।
बिना रोजगार के जीवन गुजारना नामुमकिन है क्योंकि हर जरूरत को पूरा करने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है वहीं पैसे हमें रोजगार करने से ही मिलते हैं।
रोजगार कई प्रकार के हो सकते हैं चाहे वो नौकरीपेशा हो व्यवसाय पेशा हो या किसी अन्य प्रकार का रोजगार हो।
रोजगार हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
अत: रोजगार वह माध्यम है जिससे लोगों का भरण-पोषण एवं विकास होता है तथा देश की प्रगति को बल मिलता है।
वर्ष 2020 में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ-साथ आमदनी, मांग उत्पादन और उपभोग में वृद्धि से रोजगार की चुनौती कम करने की कोशिश की गई है।
लोग कई प्रकार के रोजगार करते हैं।
कुछ लोग छोटा रोजगार करते हैं तो कुछ बड़ा।
कुछ लोग किसी सीमित क्षेत्र में ही रोजगार करते हैं तो कुछ लोग अपने उत्पादों का निर्यात विदेशों में भी करते हैं।
ऐसे रोजगार को व्यापार भी कहते हैं।
वर्तमान भारत में स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इसका कारण यह है कि सरकारी क्षेत्र में नौकरियां सीमित होती हैं।
शिक्षा प्राप्त सभी लोगों को नौकरी दे पाना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है।
ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि रोजगार के नए अवसर तलाशे जाएं।
आज का युवा यह स्वीकार करता है कि जीवन गुणवत्ता सुधारने एवं आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए स्वरोजगार का कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
किसी व्यवसाय का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद स्वरोजगार प्रारंभ करने वाला व्यक्ति दूसरों को भी रोजगार देता है।
अगर कोई व्यक्ति रोजगार करना चाहता है तो उसका शिक्षित होना जरूरी है, उसे उस क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए जिसमें वह कार्य करता है।
सरकार ने लोगों को रोजगार के लिए प्रशिक्षण देना भी शुरू किया है ताकि वो कौशल बन सकें और रोजगार कमा सकें।
सबसे पहले सरकार द्वारा ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शुरू की गई थी जिसमें गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार में से किसी एक व्यस्क सदस्य को साल के 50 से 100 दिन गांव के आस पास रोजगार निश्चित रूप से दिलाया जाता है।
हमारी वर्तमान सरकार ने भी प्रधानमंत्री रोजगार योजना को शुरू किया है जिसके अंदर लोगों को कम दर पर ब्याज दिया जाता है ताकि लोग बैंकों से पैसा लेकर अपना कोई छोटा उद्योग या व्यवसाय शुरू करके रोजगार कमा सकें।
बेरोजगारी को खत्म करने का सबसे कारगर उपाय स्वरोजगार ही है।
भारत जैसे देश में जनसंख्या ज्यादा होने के कारण बेरोजगारी जल्दी से बढ़ रही है और देश की अर्थव्यवस्था को खराब कर रही है।
रोजगार न मिलने के कारण लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए गलत कामों का सहारा लेते है जिससे कि अपराध बढ़ते हैं।
हमें और सरकार को मिलकर रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करने होंगे।
लोगों को शिक्षा की तरफ ध्यान देना होगा ताकि वे अपनी शिक्षा के बल पर रोजगार प्राप्त कर सके।