जबकि, एक बिहार में पढ़ाई करता है। आरोपियों के खिलाफ जुआ और आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि एसओजी को सूचना मिल रही थी कि कैंट क्षेत्र में एक मकान में ऑनलाइन सट्टा चल रहा है।
इसकी तस्दीक के लिए एसओजी कैंट पुलिस ने पंडितवाड़ी क्षेत्र के सद्भावना कुंज स्थित एक मकान में छापा मारा।
यहां देखा कि सामने टीवी चल रहा था और कुछ युवक एक-दूसरे से पैसे लगाने की बात फोन पर कर रहे थे।
- Advertisement -
कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को बेचते थे शराब:
यहां से पांच युवकों को हिरासत में लिया गया।
पूछताछ में इन्होंने अपने नाम आदित्य अमन, आमिर कुमार, सत्यम, हर्ष कुमार सभी निवासी बेगू सराय और प्रणव कुमार डॉलर निवासी वैशाली बताए।
इनमें आदित्य अमन यूआईटी में एमबीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है।
आमिर व प्रणव जेबीआईटी सहसपुर से बीएससी और सत्यम यूआईटी प्रेमनगर से एमएससी की पढ़ाई कर रहे हैं।
हर्ष कुमार बिहार में ही पढ़ता है।
इनके पास से सात मोबाइल फोन, 14 एटीएम कार्ड, 23 हजार रुपये नकद बरामद हुए।
इनके कमरे की तलाशी ली गई तो वहां से हरियाणा और चंडीगढ़ मार्का की 70 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद हुई।
यह शराब वे कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को बेचते थे।
टेलीग्राम पर मौजूद एक वेबसाइट से खिलाते थे सट्टा:
आरोपी ऑनलाइन सट्टा टेलीग्राम मैसेंजर एप के माध्यम से खिलाते थे।
यहां पर एक वेबसाइट बैट भाई नाइन पर सट्टा लगाने वालों से पैसे जमा कराए जाते थे।
हर ओवर, खिलाड़ी, बॉल आदि सभी के रेट अलग-अलग फिक्स किए गए थे।
बता दें कि इस तरह से पिछले दिनों शहर में एक और सट्टा पकड़ा गया था।
एसपी सिटी ने बताया कि शहर में अन्य जगहों पर भी पुलिस तलाश कर रही है।
बिहार निवासी हर्ष नाम का युवक इन सभी को ऑनलाइन सट्टे के बारे में बताने आया था।
उसने यहां पर इन सभी की आईडी बनवाई और खाते खुलवाए थे।
इनके पास से जो डायरियां बरामद हुई हैं, उनमें दर्जनों नाम हैं।
इनके खातों की जांच की जा रही है।
एसपी सिटी ने बताया कि खातों में जमा रकम को फ्रीज कराया जाएगा।
साथ ही अन्य जानकारियां भी इनके बारे में जुटाई जा रही हैं।
कॉलेजों को भेजी जाएगी सूचना:
एसपी सिटी ने बताया कि पिछले दिनों दो बड़े शिक्षण संस्थानों ने अपने 11 छात्रों को बाहर का रास्ता दिखाया था।
अब इन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी पुलिस इनके शिक्षण संस्थानों को पत्र लिख रही है।
ताकि, भविष्य में इनके खिलाफ भी पुलिस की रिपोर्ट पर निलंबन की कार्रवाई की जा सके।