रितु खंडूरी ने जसपुर के विधायक आदेश चौहान के इस आरोप पर भी जांच बिठा दी है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा विधानसभा सचिवालय को गलत जानकारी दी गई थी।
जिसके आधार पर स्पीकर ने उनके द्वारा लाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।
जसपुर विधायक चौहान ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में अपने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का मुद्दा फिर उठाया।
कुछ दस्तावेज पेश करते हुए उन्होंने कहा कि यह दावा सही नहीं है कि मामला अदालत में दाखिल नहीं हुआ है।
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चौहान ने कहा कि पिछले छह साल से उनके पास एक ही सुरक्षाकर्मी होने का तर्क भी सही नहीं है।
उन्होंने कहा, “मैं पिछले साल अगस्त से बिना किसी गनर के हूं और पिछले एक साल से ज्यादा समय से कोई भी गनर मेरे साथ नहीं जुड़ा है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (LoP) यशपाल आर्य ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिकारी सदन को गलत जानकारी दे रहे हैं।
स्पीकर ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी और विधानसभा को गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जसपुर विधायक आदेश चौहान ने ऊधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया था।
हालांकि स्पीकर ने यह कहते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया कि मामला उप-न्यायिक है।
इससे नाराज कांग्रेसी विधायक विधानसभा में हंगामा करने लगे।
कांग्रेस के कुछ सदस्य सचिव की टेबल पर चढ़ गए और कागजात फाड़ दिए, जिसके बाद स्पीकर ने कांग्रेस पार्टी के 14 विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया।