मई में शुरू होने वाली बद्रीनाथ यात्रा से पहले इन्हे मरम्मत करके ठीक कर लिया जाएगा।
पर्यटक मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जोशीमठ में बद्रीनाथ हाईवे पर भू-धसान सामने आया है।
सरकार इसे देख रही हैं, और सड़क में आई दरार को लेकर जनपद चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा है,कि सड़क पर जिस जगह पर दरारें आई हैं, वहाँ का निरीक्षण सीबीआरआई कि टीम ने किया था।
यह सड़क में ये दरारें स्थानीय कामकाज कि वजह से आई हैं।
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जोशीमठ में जमीन धसने कि वजह से स्थानीय लोग दहशत में हैं, और कई घरों में इमारतों के साथ ही सड़कों में दरारें आने के बाद शासन और प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया हैं।
जोशीमठ में पुनर्वास और राहत के लिए सरकार कि ओर से 3.62 करोड़ रुपये जारी किए थे।
यह राशि 242 परिवारों को अंतरिम राहत के रूप में दी गई थी।
आपदा प्रबंधक विभाग के सचिव डॉक्टर रंजीत सिन्हा का कहना हैं कि गत छह जनवरी को पानी का रिसाव जो प्रति मिनट 540 लीटर था वह अब घटकर प्रति मिनट 136 लीटर हो गया हैं।
रुड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान द्वारा सोमवार को जोशीमठ भू-धंसाव विस्थापितों के लिए मॉडल प्री का निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया हैं।
उद्यान विभाग कि भूमि पर एक शयनकक्ष, हॉल और रसोई वाली इकाइयों से लेकर तीन शयनकक्ष, हॉल और रसोई वाले मकान बनाए जाएंगे।
जोशीमठ में इसके अलावा अब चमोली में ढाक गाँव में भी ऐसे मॉडल प्री फैब शेल्टर निर्माण हेतू भूमि का चयन होने के बाद भूमि समतलिकरण और बिजली पानी के साथ ही सीवर आदि कि व्यवस्था कि जा रही है।